Day: February 18, 2025
Deputy Chief Minister Mukesh Agnihotri advocated for making a special policy for hill states in the second All India State Water Ministers Conference held in Udaipur, Rajasthan

उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने राजस्थान के उदयपुर में आयोजित दूसरे ऑल इंडिया स्टेट वाटर मिनिस्टर्स कॉन्फ्रेंस में पहाड़ी राज्यों के लिए बने विशेष नीति बनाने की की पैरवी

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Assessment of loan capacity of Rs 4210.20 crore ready for Mandi district Deputy Commissioner

उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के माध्यम से मंडी जिले में साल 2025-26 के लिए प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में करीब 4210.20 करोड़ रुपये के ऋण क्षमता का आकलन किया गया है। इनमें कृषि क्षेत्र में 2240.67 करोड़ रुपये, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एम.एस.एम.ई.) में 1414.80 करोड़ रुपये तथा अन्य प्राथमिकता क्षेत्र में 554.73 करोड़ रुपये की ऋण क्षमता आंकी गई है। उपायुक्त ने राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा तैयार साल 2025-26 के लिए संभावित लिंक्ड क्रेडिट प्लान (पी.एल.पी.) लॉन्च किया। उन्होंने बताया कि पी.एल.पी. जिले के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए आवश्यक क्रेडिट को पूरा करेगा। उपायुक्त ने सभी बैंकों व विभाग प्रमुखों से सरकार की योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा है। उन्होंने जिला के बैंक प्रमुखों से बैंकिंग सेवाओं का लाभ समाज के हरेक जरूरतमंद व्यक्ति तक पहुंचाने की व्यवस्था तय बनाने की अपील की है, ताकि गरीब व जरूरतमंद व्यक्ति को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके। जिला विकास प्रबंधक, नाबार्ड राकेश वर्मा ने बताया कि वर्ष 2025-26 के लिए मंडी जिले में प्राथमिकता क्षेत्र में ऋण क्षमता में पिछले वर्ष की अपेक्षा करीब 12.03 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। उन्होंने बताया कि बैंकिंग क्षेत्र में मंडी जिले में अग्रणी बैंक द्वारा आगामी वित्त वर्ष के लिए तैयार होने वाले आंकड़े जिला क्रेडिट योजना का आधार बनेंगे। उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र, एमएसएमई तथा प्राथमिकता क्षेत्र में किए अनुमान सरकारी नीतियों, निवेश गतिविधि लागत, वित्त के पैमाने और संस्थागत ऋण में रुझानों पर विचार करते हुए नाबार्ड द्वारा किए गए हैं। उन्होंने बताया कि अनुमानों का उद्देश्य प्रमुख क्षेत्रों की आवश्यकताओं को पूरा करना है, जिससे उनके विकास और स्थिरता के लिए जरूरी पूंजी उपलब्ध हो सके। इस मौके पर हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक, हिमाचल ग्रामीण बैंक तथा अन्य बैंकों के मुख्य अग्रणी प्रबंधक उपस्थित थे।

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