निर्माणाधीन NH-3 पर ग्रामीणों का विद्रोह: घटिया काम और बारिश ने बढ़ाई मुसीबत!

पवन धीमान, हमीरपुर।. निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग-3 (NH-3) पर ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। हमीरपुर से अवाहदेवी तक के लोगों ने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। ग्रामीणों का आरोप है कि सड़क निर्माण घटिया गुणवत्ता और धीमी गति से हो रहा है, जिससे उन्हें भारी परेशानी हो रही है।

 

 

 

*बारिश ने उजागर की कंपनी की लापरवाही*

जुलाई के पहले ही दिन भारी बारिश ने निर्माण कार्य की पोल खोलकर रख दी। ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण कंपनी ने अभी तक पानी की निकासी की उचित व्यवस्था नहीं की है। नालियाँ बनाई तो गईं, लेकिन उन पर मलबा पड़ा होने से पानी इधर-उधर बह रहा है। बारिश के कारण सड़क कई जगहों से उखड़ गई है, जिससे आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

 

*”छत गिरी तो जिम्मेदार कौन?” – बुजुर्गों की चिंता*

स्थानीय बुजुर्गों ने आँसू बहाते हुए कहा, “अगर हमारे घरों की छत गिर गई, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या कंपनी हमें मुआवजा देगी?” पशु पालकों ने भी चिंता जताई कि उनके जानवरों का क्या होगा, अगर बारिश ने और विकराल रूप धारण कर लिया।

 

*प्रशासन और कंपनी मौके पर पहुँचे, लेकिन समाधान नहीं*

इस घटना पर हमीरपुर पुलिस प्रभारी यादवेश ठाकुर, निर्माण पीड़ित मंच की अध्यक्ष रीना चौहान, प्रधान रविंदर ठाकुर और कंपनी के वरिष्ठ प्रोजेक्ट मैनेजर निर्मल नाडगोंडे मौके पर पहुँचे। हालाँकि, ग्रामीणों को अभी तक ठोस आश्वासन नहीं मिला है।

ग्रामीणों का सवाल है कि जब बारिश का मौसम पहले से ही ज्ञात था, तो कंपनी ने पानी की निकासी की उचित व्यवस्था क्यों नहीं की? अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में सड़क की हालत सुधरेगी या और बिगड़ेगी।

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