निर्माणाधीन नेशनल हाईवे-03 की खराब जल निकासी व्यवस्था ने आसपास के गाँवों को जलभराव की भयावह समस्या में धकेल दिया है। हाईवे का पानी अब ग्रामीणों के घरों में घुस रहा है, जिससे उनके मकानों के ध्वस्त होने का खतरा पैदा हो गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण कंपनी और प्रोजेक्ट मैनेजर अंकित उनकी समस्याओं को लगातार नजरअंदाज कर रहे हैं।
*”फोन नहीं उठाते, साइट पर नहीं आते!” – ग्रामीणों का गुस्सा फूटा*
ग्रामीणों ने बताया कि वे कई बार प्रोजेक्ट मैनेजर अंकित से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन वे न तो फोन उठाते हैं और न ही मौके पर आकर समस्या का समाधान करते हैं। आक्रोशित ग्रामीणों ने अब सख्त चेतावनी देते हुए कहा है – “अगर 48 घंटे के भीतर जल निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं की गई, तो हम जिलाधिकारी से लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी तक अपनी आवाज पहुँचाएँगे। अगर फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो हम चक्का जाम और बड़े आंदोलन पर उतरेंगे!”
*”हमारे घर डूब रहे हैं, हम चुप नहीं बैठेंगे!” – नेशनल हाईवे पीड़ित मंच की चेतावनी*
नेशनल हाईवे पीड़ित मंच की अध्यक्ष रीना चौहान ने साफ शब्दों में कहा – *”अगर दो दिन के भीतर काम शुरू नहीं हुआ, तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे। नुकसान की भरपाई कंपनी और प्रोजेक्ट मैनेजर को करनी होगी। हम सड़क जाम करके प्रशासन को झकझोर देंगे!”*
*पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पर ग्रामीणों ने उठाए सवाल*
ग्रामीणों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर पर भी निशाना साधा। उनका सवाल है – “जब ठाकुर केंद्र सरकार में थे, तब उन्होंने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की? अब वे दावा कर रहे हैं कि सड़क ठीक कर दी गई है, लेकिन सच्चाई यह है कि हमारे घरों में पानी घुस रहा है। जब आपके पास अधिकार थे, तब आपने अधिकारियों को सख्त निर्देश क्यों नहीं दिए?”
*तनाव की स्थिति, कंपनी के अधिकारियों पर ग्रामीणों ने कसा शिकंजा*
जब देर रात हुई भारी बारिश के बाद निर्माणाधीन हाईवे का पानी फिर से गाँव में घुस गया, तो ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने कंपनी के अधिकारियों को कोल्हूसिद्ध के पास घेर लिया। कुछ अधिकारी मौके से भागने की कोशिश करते रहे, लेकिन ग्रामीणों ने उनकी खूब खबर ली। आज प्रोजेक्ट मैनेजर प्रवीण कुमार (विकी) और सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर निर्मल भी मौजूद रहे, लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें खरी-खोटी सुनाते हुए माँग की – “जिन घरों में पानी घुस रहा है, उनकी व्यवस्था आज ही ठीक करो!”
*अब क्या होगा?*
स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। अगर निर्माण कंपनी ने जल्द ही समस्या का समाधान नहीं किया, तो ग्रामीण बड़े पैमाने पर आंदोलन पर उतर सकते हैं। रीना चौहान ने साफ किया – *”अगर आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो हम कल उपायुक्त के सामने यह मामला उठाएँगे।”*
जब इस प्रकरण के बारे मे प्रशासन से पूछा गया कि क्या सड़क की स्थिति सही है, तो कुछ अधिकारियों ने चुप्पी साध ली, जबकि कुछ का दावा था कि रोड डीपीआर के तहत ही बना है।
