चम्बा पुलिस जेल की निगरानी में इब्राहिम भागने में सफल भी रहता है

फिर एक घर में जाकर अपने ताया को गोली मारता है। घर की दिवार पर धमकियां लिखता है । ऐसा आतंकी माहौल चम्बा को क्या इशारा करता है। वारदात से पहले दी गई धमकी पूरी करता है। चम्बा पुलिस हर क्षेत्र में असफल क्यों हो रही है। सूही मंदिर, चामुंडा मंदिर,भटालवां मंदिर, नरसिंह मंदिर, लक्ष्मीनाथ मंदिर, मलूणा गांव की नई सड़क नशेड़ियों का अड्डा बन कर रह गई हैं। यह नशेड़ी रात को नगरपरिषद द्वारा लगाई लाईटें पत्थर से तोड़ रहे हैं। एक लाईट चोरी कर ले गए हैं। जलशक्ति विभाग की पुरानी पाईप जो नई पाइप डालने से बेकार हो गई है उसे तोड़ कर क्विंटलों लोहा बेच रहे हैं। सूही की सीढ़ियों पर रखें बैंच अपनी मर्जी से जंगल में रख दिए हैं जहां बैठकर नशा व पार्टियां होती हैं। हद तो यह है कि अपने आप ही बेतरतीब खुदाई कर एक समतल जगह बनाकर डंगा भी लगा दिया गया। यह डंगा कभी भी गिर सकता है और हादसा हो सकता है। कोई नहीं पूछता किसके आदेश से जगह की खुदाई कर दी। कैसे बैंच उठा लिए। कैसे असुरक्षित डंगा लगा दिया। अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कहावत हो गई है। आज पुलिस की नाकामियां अखबारों में भी सुर्खियां बन रही हैं।जब पुलिस चालान काटने चामुंडा और सूही मंदिर हफ्ते में दो तीन बार आ सकती है तो इन मंदिरों तक क्यों नहीं जाती ? इन असामाजिक तत्वों को भगाती क्यों नहीं ? क्या किसी वारदात का इंतजार हो रहा है ? लोगों का मंदिर जाना भी इन नशेड़ी लोगों की अश्लील हरकतों के कारण दुभर हो गया है। मंदिरों में खाली बोतलें,रैपर, प्लास्टिक आदि बहुत गंदगी फैला रहे हैं। प्रशासन ध्यान दे ।

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