Deputy commissioner did a surprise inspection of his library in Nerchowk

युवाओं की ऊर्जा को सही दिशा प्रदान करने के उद्देश्य से उपमण्डलाधिकारी (ना.) कार्यालय बल्ह में स्थापित “अपना पुस्तकालय” नेरचौक का आज उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ उपमण्डलाधिकारी बल्ह स्मृतिका नेगी भी मौजूद रही।

 

इस मौके पर उन्होंने पुस्तकालय में मुहैया करवाई जा रही विभिन्न मूलभूत सुविधाओं काo जायजा लिया। उन्होंने कहा कि पुस्तकालय में हर प्रतियोगी परीक्षा से सम्बंधित अन्य पुस्तकें भी मुहैया करवाई जाएंगी जिससे बच्चों को तैयारी के लिए पर्याप्त और उपयुक्त सामग्री एक साथ मिल सके।

 

इस दौरान उपायुक्त ने पुस्तकालय में विभिन्न प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी कर रहे विभिन्न बच्चों से संवाद किया और प्रतियोगी परिक्षा उतीर्ण करने के लिए तैयारी, संक्षिप्त नोट्स बनाने और रिविजन को लेकर उनका मार्गदर्शन भी किया।

 

उन्होंने बच्चों के साथ प्रशासनिक सेवा के लिए अपनी तैयारी के दौरान के अनुभव भी सांझा किए। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति या छात्र जो कि प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहा हो तथा तैयारी से जुड़ी किसी भी प्रकार की सहायता चाहता हो, वह उनसे सम्पर्क कर सकता है।

 

उपायुक्त ने बच्चों के बीच समय बिताया और केक भी काटा। उन्होंने बच्चों से कहा कि वे अपने लक्ष्य पर फोकस बनाए रखें तथा निरन्तर कड़ी मेहनत के साथ तैयारी करते रहें। निरन्तर तैयारी से निश्चित ही कोई भी अपना लक्ष्य हासिल कर सकता है।

उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से युवाओं को उत्कृष्ट शैक्षणिक माहौल व बेहतर सामग्री उपलब्ध करवाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। इसी के दृष्टिगत जिलेभर में ‘ अपना पुस्तकायलय’ स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना भी की।

 

उपायुक्त ने बताया कि वर्तमान में मंडी जिला मुख्यालय तथा उपमंडल मुख्यालयों में अपना पुस्तकालय चलाए जा रहे हैं जहां पर जिला के हजारों विद्यार्थी नीट, जेइइ, एनडीए, एचएएस, पुलिस, पटवारी सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारियां करते हैं।

 

उन्होंने बताया कि पढ़ाई एक ऐसी आदत है, जिसे आज के समय में प्रोत्साहित करने की जरूरत है ताकि हमारे युवाओं की शक्ति सही दिशा में संचालित हो सके और वह नशा जैसी कुरीतियों से बच सकें।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अपना पुस्तकालय स्थापित करने की सोच युवाओं को सही दिशा में ले जाने का कार्य करेगी तथा यह एक ऐसा केंद्र बन सकता है जहां हमारे वरिष्ठ नागरिक, बुद्धीजीवी वर्ग का युवाओं के साथ एक संवाद हो सकता है, जिससे बच्चों को अच्छे संस्कार मिल सकते हैं।

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