मिनिस्ट्री ऑफ रोड एंड ट्रांसपोर्ट (हाईवे विभाग) ने आज बराड़ा गाँव में सरकारी ज़मीन पर अवैध निर्माण को हटाकर ग्रामीणों की लंबे समय से चली आ रही समस्या का समाधान किया। जिलाधीश महोदय के निर्देश पर विभाग ने तहसीलदार टोनी देवी, पटवारी और कानूनगो को मौके पर बुलाकर कार्रवाई की।
*मामला क्या है?*
ग्राम पंचायत बराड़ के टेकचंद (पुत्र मेहरचंद) को सरकारी रास्ते पर अवैध निर्माण रोकने के लिए नोटिस जारी किया था। पटवारी द्वारा चेतावनी दिए जाने के बावजूद टेकचंद ने चार पिलर बनाकर कमरा तैयार कर लिया। जब पंचायत ने सरकारी रास्ते का निर्माण शुरू किया, तो पता चला कि उनका निर्माण सरकारी ज़मीन और एनएचएआई की भूमि पर भी फैला हुआ है।
*ग्रामीणों ने उठाई आवाज़*
ग्राम सुधार सभा बराड़ा ने पंचायत, जिलाधीश हमीरपुर, एसडीएम हमीरपुर और एसडीएम भोरंज (नोडल अधिकारी, एनएचएआई) को शिकायत भेजकर रास्ता मुक्त कराने की मांग की। इस पर मिनिस्ट्री ऑफ रोड एंड ट्रांसपोर्ट ने टेकचंद को नोटिस जारी कर उनका पक्ष मांगा, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। लोकल कमिश्नर द्वारा निशानदेही कराए जाने पर भी उनका निर्माण सरकारी ज़मीन पर पाया गया।
*अधिकारियों ने की सख्त कार्रवाई*
आज मंत्रालय ने सभी संबंधित विभागों के साथ मिलकर अवैध निर्माण हटाकर बराड़ा गाँव के बीच से गुजरने वाले तीन गाँवों के रास्ते को मुक्त कराया। इससे ग्रामीणों को बड़ी राहत मिली है।
इस कार्यवाही से प्रशासन ने यह कडा संदेश भी दिया है कि सरकारी ज़मीन पर किसी भी अवैध कब्ज़े को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन की सख्त कार्रवाई ने बराड़ा वासियों के हक़ की लड़ाई जीत दिलाई है।
