सिरिगढ़ क्षेत्र का नए साल का पहला ऐतिहासिक ठिरशु मेला लोगों ने खौधार नामक स्थान पर बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया। वीरवार को श्रीराम मंदिर रिवाड़ी से सिरिगढ़ क्षेत्र के अधिष्ठाता व आराध्यदेव जोगेश्वर महादेव तथा इस वर्ष का विशेष अतिथि देवता कुलक्षेत्र महादेव ओलवा भारी जनसमूह के साथ मेला स्थल खौधार रवाना हुए। ढ़ोल,नगाड़े, करनालें, दमामा इत्यादि वाद्य यंत्र की धुन पर नाचते गाते लोग मेला स्थल पहुंचे। जैसे ही देवता खौधार पहुँचे,धीरे धीरे जन सैलाब उमड़ता गया तथा एकाएक यहां भारी भीड़ इकट्ठी हो गई। देव रथों का मेला स्थल पहुंचते ही 6/20 क्षेत्र की महिलाओं ने फूल, चावल, अखरोट, मोड़ी तथा ऋतु फल वरसा कर देवताओं का अभिवादन किया।
तदोपरान्त लोगों ने दोनों देवताओं का अद्भुत नृत्य देखा। इस समय खौधार का दृश्य अलौकिक लग रहा था कि मानो देव मूर्तियां स्वर्ग लोक से अभी अभी अवतरित हुई हो। यहां दिनभर लोगों ने देवताओं के दर्शन किये तथा मन चाहा वरदान माँगा।
मेले में पुरुषों की माला नाटी लगी रही तथा स्थानीय लोगों ने मेले का भरपूर आनंद लिया। पुरुष, महिलाएं तथा बच्चे यहां नाना प्रकार के परिधानों में आकर इस प्राचीन मेला संस्कृति और अद्भुत नजारे का लुत्फ़ लिया। शाम के समय मेला स्थल में वाद्य यंत्र की धुन पर जोगेश्वर महादेव के गूर देऊ खेल के लिए निकले। उन्होंने देववाणी के द्वारा लोगों को सुख शांति व समृद्धि का आशीर्वाद दिया। उसके वाद देर सायं को जोगेश्वर महादेव और कुलक्षेत्र महादेव को भावभीनी व अश्रुपूर्ण विदाई दी गई, जो सभी लोगों की आँखों को नम करने वाला एक गमगीन पल था। अंत में मेला की समाप्ति पर देवरथ देवलुओं के साथ अपने गंतव्य स्थान को चल पड़े।
