कांग्रेस नेता पुष्पेंद्र वर्मा के बयान का पलटवार करते हुए मंडल मीडिया प्रभारी विक्रांत भारद्वाज ने कहा कि जो पुलों की बात पुष्पेंद्र वर्मा कर रहे हैं वो नितिन गडकरी से नहीं बल्कि ग्रामीण विकास मंत्रालय से शिवराज सिंह चौहान द्वारा स्वीकृत किए गए हैं। डॉ वर्मा को यही पता नहीं है कि पुल कहां से स्वीकृत हुए हैं और बात वह पुलों को स्वीकृत करवाने की कर रहे हैं।
जनता अब जानती है और जनता को पता है कि यह पुल केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय से स्वीकृत हुए हैं।
विक्रांत ने कहा कि वर्मा खुद तो कांग्रेस सरकार से विकास की कोई भी योजना हमीरपुर के लिए नहीं ला पाए हैं। उन्हें खुद का वर्चस्व यहां पता चल रहा है क्योंकि यहां कांग्रेस के मुख्य नेता बनने की होड़ में आधा दर्जन नेता हैं। जबकि सबको पता है कि थी कांग्रेसी आपस में खीजते हैं।
विक्रांत भारद्वाज ने बताया कि जिस रोजगार के आंकड़े को पुष्पेंद्र वर्मा दे रहे हैं वो आंकड़े विधानसभा में सरकार के पास भी नहीं थे। जिस का मतलब है आप सरेआम झूठ बोल कर जनता को गुमराह कर रहे हैं।
हमीरपुर का विधायक होने के नाते विधायक का फर्ज है कि विधानसभा क्षेत्र के युवाओं को नौकरी के बारे प्रश्न पूछे क्योंकि हमीरपुर प्रदेश का सबसे साक्षर जिला है तो जाहिर है कि यहां से भर्तियों में युवाओं को रोजगार मिला होगा जो आंकड़े वर्मा दे रहे थे। लेकिन सरकार के पास आंकड़े नहीं हैं और सरकार अभी सूचना एकत्रित करने की बात विधानसभा पटल पर कह रही है और डॉ वर्मा सरकार से पहले आंकड़े रख रहे हैं। जो झूठे आंकड़े हैं।
इन्होंने जनता को गुमराह करने के अलावा और किया भी क्या? हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा को किसी हारे नकारे नेता से प्रमाण की जरूरत नहीं है, वह जनता के प्रति जवाबदेह हैं और उस कसौटी पर वह से प्रतिशत खरा उतर रहे हैं। जनता के बीच में रहकर उनके दुख सुख में शामिल होकर और विधायक निधि से अथाह विकास कार्य करवाकर विधायक जनता को अपनी जवाबदेही दे रहे हैं।
जबकि कांग्रेस नेता अपने आप को हमीरपुर का सबसे बड़ा कांग्रेसी नेता स्थापित करने की लड़ाई में लगे हुए हैं।
