मुख्यमंत्री के गृह जिले हमीरपुर के अंतर्गत आने वाली ताल कोऑपरेटिव सोसाइटी में वित्तीय अनियमितताओं का एक बड़ा मामला सामने आया है। 2023-24 के ऑडिट रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि FDR (फिक्स्ड डिपॉजिट रसीद) के नाम पर करोड़ों रुपये का गबन किया गया है। मामले के उजागर होते ही संबंधित अधिकारियों और सोसाइटी के सदस्यों में हड़कंप मच गया है।
रातों-रात जमा कराए गए लाखों रुपये
सूत्रों के अनुसार, जब यह वित्तीय घोटाला सामने आया, तो घपले में शामिल लोगों ने रातों-रात लाखों रुपये वापस सोसाइटी में जमा करवा दिए। हालांकि, कोऑपरेटिव सोसाइटी रजिस्ट्रार की ओर से सोसाइटी की प्रबंधन समिति को FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन अभी तक कोई पुलिस शिकायत दर्ज नहीं हुई है।
अनुमानित गबन: 2.5 करोड़ रुपये
इस वित्तीय घोटाले की सही रकम की पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है, लेकिन प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि करीब 2.5 करोड़ रुपये का गबन किया गया है। घोटाले में कौन-कौन लोग शामिल हैं, इस पर भी अभी तक पर्दा पड़ा हुआ है।
अब तक 35-40 लाख की हुई रिकवरी
ऑडिट रिपोर्ट में गड़बड़ियां सामने आने के बाद कोऑपरेटिव सोसाइटी रजिस्ट्रार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 35 से 40 लाख रुपये की रिकवरी करवाई है। विभाग इस मामले की गहन जांच कर रहा है ताकि जमाकर्ताओं में किसी भी तरह की घबराहट न फैले।
को ऑपरेटिव सोसाइटी की असिस्टेंट रजिस्ट्रार वीना ने पुष्टि की है कि ऑडिट के दौरान कई अनियमितताएं पाई गई हैं। उन्होंने कहा कि विभाग नियमानुसार कार्रवाई कर रहा है और सोसाइटी की कमेटी को FIR दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, अब तक कोई आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई है, जिससे इस मामले में संलिप्त लोगों को बचाने की कोशिश की जा रही है।
इस घोटाले के खुलासे के बाद सोसाइटी के जमाकर्ताओं में चिंता बढ़ गई है। वे अपने पैसे की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। वित्तीय अनियमितताओं के चलते प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं कि आखिर इतने बड़े घोटाले को इतनी देर तक क्यों छिपाया गया।
क्या होगी आगे की कार्रवाई?
अब यह देखना होगा कि कोऑपरेटिव सोसाइटी रजिस्ट्रार और संबंधित अधिकारी FIR दर्ज कर घोटालेबाजों पर क्या कार्रवाई करते हैं। यदि इस मामले को जल्द नहीं सुलझाया गया, तो यह सोसाइटी के भरोसे को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।
