मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया..

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया..प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री ने ‘पर्यटन स्टार्टअप योजना’ की घोषणा की। इस योजना के तहत गैर-जनजातीय क्षेत्रों में होम स्टे और होटल निर्माण के लिए हिमाचली युवाओं को दिए जाने वाले लोन पर सरकार 5 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी देगी।

हिमाचल बजट 2025-26 का बजट पेश करते
किसानों को लोन में बड़ी राहत, वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी लागू मुख्यमंत्री ने किसानों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उनके 3 लाख रुपए तक के लोन को चुकाने के लिए वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी लागू करने की घोषणा की। इस योजना के तहत किसानों के मूलधन पर लगने वाले ब्याज का 50 प्रतिशत सरकार वहन करेगी। इसके लिए सरकार नई एग्रीकल्चर लोन स्कीम भी लेकर आएगी।
कृषि और दुग्ध उत्पादकों को राहत देते हुए मुख्यमंत्री ने गेहूं और मक्की के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की घोषणा की। अब मक्की का समर्थन मूल्य 30 रुपए से बढ़ाकर 40 रुपए और गेहूं का समर्थन मूल्य 40 रुपए से बढ़ाकर 60 रुपए किया जाएगा।
दूध उत्पादकों को भी राहत देते हुए गाय के दूध का समर्थन मूल्य 45 रुपए से बढ़ाकर 51 रुपए और भैंस के दूध का समर्थन मूल्य 55 रुपए से बढ़ाकर 61 रुपए कर दिया गया है। दूर-दराज के क्षेत्रों से दूध परिवहन के लिए सरकार 2 रुपए प्रति लीटर की अतिरिक्त मदद देगी।
प्रदेश के किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा देने के लिए 100 गांवों में नई सिंचाई योजनाओं का निर्माण किया जाएगा, जिस पर 10 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत जंगली जानवरों से फसलों की सुरक्षा के लिए जालीदार बाड़बंदी की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि हमीरपुर जिले में एक आधुनिक स्पाइस पार्क स्थापित किया जाएगा, जिससे किसानों को उनके मसालेदार फसलों का उचित मूल्य मिल सकेगा। वहीं ऊना जिले में 20 करोड़ रुपए की लागत से पोटैटो प्रोसेसिंग प्लांट लगाया जाएगा, जिससे आलू किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
सरकार ने कच्ची हल्दी का न्यूनतम समर्थन मूल्य 90 रुपए प्रति किलोग्राम निर्धारित करने की घोषणा की, जिससे मसाला उत्पादकों को उचित मूल्य मिल सकेगा।
पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने वृक्षारोपण पर इस वर्ष 100 करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया है। महिला और युवक मंडलों को वृक्षारोपण के लिए एक-एक लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा। अगर लगाए गए पौधों की 100 प्रतिशत सर्वाइवल रेट रहती है, तो अगले पांच वर्षों तक हर साल एक-एक लाख रुपए की अतिरिक्त मदद मिलेगी। इसके अलावा, बाड़बंदी के लिए भी 2.40 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी।
सरकार ने मनरेगा मजदूरों की दिहाड़ी 300 रुपए से बढ़ाकर 320 रुपए करने का ऐलान किया है। वहीं पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की गई है। जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का मानदेय 1,000 रुपए बढ़ाया गया, जबकि सदस्यों का 500 रुपए बढ़ाया गया। पंचायत समिति अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के मानदेय में 600 रुपए तथा सदस्यों के मानदेय में 300 रुपए की वृद्धि की गई है। ग्राम पंचायत प्रधान और उपप्रधान के मानदेय में 300 रुपए की बढ़ोतरी, जबकि ग्राम पंचायत सदस्यों को प्रति बैठक 300 रुपए मिलेंगे।

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