हिमाचल प्रदेश स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड लिमिटेड के कर्मचारियों, अभियंताओं और पेंशनर्स ने सरकार की युक्तिकरण (राइट-साइजिंग) नीति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। टौणी देवी विद्युत उपमंडल में कर्मचारियों ने काले बिल्ले लगाकर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों पर अपना आक्रोश व्यक्त किया। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार और बोर्ड प्रबंधन द्वारा जनरेशन और संचार विंग के करीब 700 से अधिक पदों को सरप्लस कर दिया गया है, जबकि 51 पद पहले ही समाप्त किए जा चुके हैं और 81 आउटसोर्स कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। इसके अलावा, बोर्ड मुख्यालय और परिचालन विंग में भी युक्तिकरण व वेतन केन्द्रीयकरण के नाम पर हजारों पद समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जिससे कर्मचारियों का भविष्य संकट में आ गया है।
वर्तमान स्थिति को देखते हुए, जॉइंट एक्शन कमेटी की वर्चुअल बैठक में निर्णय लिया गया कि बिजली कर्मचारी और अभियंता 10 फरवरी से “वर्क टू रूल” के तहत काम करेंगे और पूरे प्रदेश में काले बिल्ले लगाकर सरकार की नीतियों का विरोध करेंगे। इसके बाद 11 फरवरी को हमीरपुर जिले में सात मांगों को लेकर एक जिला बिजली पंचायत का आयोजन किया जाएगा, जिसकी घोषणा वहीं से होगी। इसी तरह, अन्य जिलों में भी इस तरह के आयोजन किए जाएंगे। अगर सरकार ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो 24 फरवरी को प्रदेशभर के बिजली कर्मचारी और अभियंता सामूहिक अवकाश (Mass Casual Leave) लेकर कामकाज ठप कर देंगे, जिससे प्रदेश में बिजली सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
इस विरोध प्रदर्शन में राज्य स्नातक कनिष्ठ अभियंता यूनियन के प्रधान एवं सहायक अभियंता ई० दीपक चौहान, कर्मचारी यूनियन टौणी देवी के प्रधान सुभाष चंद, उपप्रधान रमेश चंद सहित विद्युत उपमंडल के चारों अनुभागों के कनिष्ठ अभियंता और अन्य कर्मचारी शामिल रहे। प्रदर्शनकारियों ने साफ किया कि यदि सरकार ने जल्द कोई ठोस निर्णय नहीं लिया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
