हिमाचल प्रदेश निर्माण कामगार संघ संबंधित भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों ने सरकार की जन विरोधी नीतियो के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। इस अवसर पर प्रदेश सरकार से मजदूरों के कम्युनिटी बनाने की मांग की गई और श्रम कल्याण बोर्ड में हुई धांधली की जांच करने की मांग की गई तो इस अवसर पर श्रम कल्याण अधिकारी मुर्दाबाद के नारे भी लगाएं गए। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर के अलावा तिलकराज शर्मा भी मौजूद रहे।
बता दे कि वर्ष 2019 के बाद राज्य बोर्ड व जिला कार्यालयों में सहायता संबंधी जो आवेदन पत्र लंबित पड़े हैं उन्हे जल्दी वितिय सहायता प्रदान की जाए। ईकेवाईसी की प्रतिक्रिया सरल की जाए और इसको लोकमित्र केंद्रों व पंजीकृत मजदूर यूनियन के माध्यमों से करवाने का निर्णय लिया जाए। बोर्ड में स्थाई सचिव नियुक्त किया जाए। शिक्षण छात्रवृति व मेडिकल सुविधा प्रपत्रों के साथ संबंधित संस्थानों के मान्यता पत्र मजदूरों से न लिए जाए। पंजीकरण, नवीनीकरण व वितिय लाभ जारी करने के लिए सभी श्रम कल्याण अधिकारियों को लक्षय दिए जाए और ये सभी कार्य निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किए जाए। बोर्ड राज्य में खाली पड़े पदों पर तथा जिला व उप कार्यालयों में खाली पड़े पदों को शीघ्र भरा जाए।
एक लाख मजदूरों का पांच करोड़ रुपये लंबित पड़े हैं उन्हे तुरंत जारी किया जाए। करणमूल आधार पर मृतकों के आश्रितों को बिना आयमानदंड में नौकरी प्रदान की जाए। श्रम कल्याण बोर्ड में आउट्सोर्स पर रखे कर्मचारियों को हटा दिया है उन्हे शीघ्र बहाल किया जाए। श्रम कल्याण बोर्ड के पैसों का दुरुपयोग ना किया जाए। जैसे की टोपी, शॉल, बैज का प्रचालन बंद किया जाए क्योंकि ये मजदूरों के हित्त का पैसा है।
वहीं हिमाचल प्रदेश निर्माण कामगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप सिंह ठाकुर ने बताया कि श्रम कल्याण की गलत नीतियां और श्रम अधिकारी और जिला अधिकारी हमीरपुर में बैठे है उनकी कार्यप्रणाली से न खुश होने पर ये विरोध प्रदर्शन किया गया है।उन्होंने कहा कि 400 से 500 लोग श्रम कल्याण बोर्ड के कार्यालय के बाहर लाइनों में लग रहे है लेकिन उनके काम नहीं हो रहे है। उन्होंने कहा कि 4 ,4 बार कार्यालय के चक्कर लगाने के बाद भी काम नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज हम इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे है । उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगे न मानी गए तो प्रदेश में इसे बड़ा जन आंदोलन देखने को मिलेगा।
