Public Works Department should fix the black spots - Rohit Rathore Additional Deputy Commissioner said in the meeting of District Road Safety Committee 268 black spots have been identified in the district

लोक निर्माण विभाग ब्लैक स्पॉट को करे दुरुस्त -रोहित राठौर जिला रोड सेफ्टी कमेटी की बैठक में बोले अतिरिक्त उपायुक्त जिला में 268 ब्लैक स्पॉट चिन्हित

अतिरिक्त उपायुक्त मंडी रोहित राठौर की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला रोड सेफ्टी कमेटी की बैठक आयोजित की गई। जिसमें जिला में रोड सेफ्टी को लेकर किए गए जा रहे विभिन्न उपायों पर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि मंडी जिला में पिछले एक वर्ष के दौरान 272 एक्सीडेंट हुए हैं जिनमें 108 लोगों की असामयिक मृत्यु हुई है और 430 लोग घायल हुए हैं। दिसम्बर माह में ही 18 एक्सीडेंट हुए जिनमें 7 लोगों की मृत्यु हुई है और 36 लोग घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिला में यह आंकड़ा बहुत ज्यादा है। इसके लिए उन्होंने लोक निर्माण विभाग को ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर दूरस्त करने के निर्देश दिये। लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियन्ता डीके वर्मा ने बताया कि जिला में 268 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं जिनमें से 32 ब्लैक स्पॉट्स को दुरुस्त कर दिया गया है। अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि जिला में फोरलेन सड़क पर गाड़ी चलाने वालों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। फोरलेन पर भारी गाड़िया, जेसीबी, ट्रक, टैªक्टर टू व्हीलर आदि को फोरलेन की बाई लेन में चलना होता है जबकि तेज गति में चलने वाली फोर व्हीकल या बडे़ वाहनों को फोरलेन के दांई लेन में लना होता है। लेकिन इन नियमों का पालन नहीं हो रहा है और एक्सीडेंट का कारण वन रहा है। उन्होंने सभी वाहन चालकों से निर्धारित गति सीमा में रहकर अपनी लेन में ही वाहन चलाने का आग्रह किया।

ड्राइवरों की आंखों के चेकअप के लिए लगेंगे कैंप

रोहित राठौर ने बताया कि क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय मंडी द्वारा शीघ्र ही जोगिन्द्रनगर, सुंदरनगर, सरकाघाट और मंडी में वाहन चालकों की आंखों की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से कैंप लगाए जाएंगे।  इसके अतिरिक्त रोड सेफ्टी के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए शिवरात्रि मेले से पहले बाइक रैली भी आयोजित की जाएगी।

सड़क निर्माण एजैंसियों को साइनेज लगाने के निर्देश

रोहित राठौर ने एनएचएआई और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए कि वह सड़क निर्माण के दौरान कहां सड़क की चौडाई कम है, कहां पर खड्डा है, कहां सड़क की कटिंग कर दी गई है। इसकी पूरी जानकारी के लिए सड़क निर्माण कंपनियां रिफलैक्टिंग टेप, डिवाईडर आदि लगाए।

फर्स्ट  रिस्पांडर  का डाटाबेस किया जा रहा तैयार

उन्होंने बताया कि एक्सिडेंट के दौरान गोल्डन ऑवर की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए फर्स्ट रिस्पांडर का डाटा बेस तैयार किया जा रहा है। जिला में फर्स्ट रिस्पांडर की पांच से छह हजार लोगों की टीम तैयार की जाएगी। टीम के सदस्य एक्सीडेंट के दौरान पुलिस, एंबुलेंस के पहुंचने तक फर्स्ट रिस्पांडर के तौर पर कार्य करेंगे। यह सदस्य पंचायत स्तर पर लोगों को रोड सेफ्टी के प्रति जागरूक भी करंेगे।

बैठक में फोरलेन सड़क पर डडौर, नागचला, नगबाई, झिडी, बैली ब्यू सहित एक्सिडंेट को लेकर संवेदनशील अन्य स्थानों पर सुरक्षा को लेकर भी चर्चा की गई।

बैठक में कमेटी के सदस्य आरटीओ मंडी गिरीश सुमरा, अतिरिक्त आयुक्त नगर निगम विजय कुमार, डीएसपी दिनेश कुमार, अधिशाषी अभियन्ता लोक निर्माण विभाग डीके वर्मा, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश ठाकुर सहित एनएचएआई के अधिकारी उपस्थित रहे।

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