The state government is avoiding giving permanent employment to the youth: Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad

The state government is avoiding giving permanent employment to the youth: Akhil Bharatiya Vidyarthi Parishad

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हमीरपुर मे आज धरना प्रदर्शन किया गया विद्यार्थी परिषद की प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य धृति का कहना है कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रदेश सरकार के शिक्षण संस्थानों में प्रति घंटा आधार पर अतिथि अध्यापकों की नियुक्ति के निर्णय से बिल्कुल असहमत हैं। पहले भी अतिथि शिक्षकों के नाम पर भर्तियां करवाने के निर्णय को प्रदेश के युवाओं के विरोध के चलते सरकार को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा था। प्रदेश सरकार के अनुसार गेस्ट शिक्षक रखे जाएंगे। जिन्हें प्रति पीरियड 200 से 550 रुपये तक मानदेय मिलेगा। विद्यार्थी परिषद के आह्वान पर अतिथि शिक्षकों की भर्ती के फैसले को वापिस लेने के लिए शिमला के विभिन्न पुस्तकालय से आए छात्रों के साथ डीसी आफिस शिमला के बाहर प्रदेश सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया था। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के अनुसार प्रदेश में स्कूल और कॉलेजों में पीरियड आधार पर 2600 अतिथि शिक्षकों की भर्ती होनी थी। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में दुर्गम, जनजातीय सहित तमाम क्षेत्रों में रिक्तियों को भरने के लिए यह फैसला प्रदेश सरकार ने लिया था। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार स्कूल व कालेजों में अतिथि शिक्षक (गेस्ट फैकल्टी) की नियुक्ति करने की तैयारी में थी। छठी कक्षा से कालेज तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने का जिम्मा इन्हें दिया जाना था। यह फैसला शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया व मुख्यमंत्री ने विभाग को इसका प्रस्ताव बना कर मंत्रीमंडल को सौंपने के निर्देश दिए गए थे। विद्यार्थी परिषद का कहना है कि गैप अरेंजमेंट के नाम पर स्कूली स्तर से कॉलेज स्तर तक अब अतिथि शिक्षकों के भरोसे छात्रों को पढ़ाया जाएगा कहीं न कहीं इस कारण शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्रों व सालों की मेहनत के बाद नेट, सेट की परीक्षा को उत्तीर्ण कर अपने भविष्य को उज्जवल बनाने के स्वप्न लिए युवाओं के साथ धोखा है, अतिथि शिक्षक के नाम पर प्रदेश के हजारों युवाओं को उनकी शिक्षा पूर्ण करने के बाद में स्थाई तौर से रोजगार ना दे पाना और चुनाव के पहले प्रदेश के लाखो युवाओं को रोजगार के सपने दिखाना कहीं न कहीं आज हिमाचल सरकार का असली चेहरा हिमाचलवासियों के सामने आ चुका है। हिमाचल में जब से वर्तमान सरकार आई है उस समय से ही, चाहे वह व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर हो, चाहे वह शिक्षा के क्षेत्र में नए प्रयोग करना हो इन सभी निर्णयों से यह साफ दिखता है कि प्रदेश की शिक्षा को किराए पर देने का प्रयास हो रहा है व बिना किसी लंबी सोच के प्रदेश सरकार अपना समय निकालने की मंशा से कार्य कर रही है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल सरकार को चेतावनी देते हुए यह कहना चाहती है कि इस प्रकार के छात्र व युवा विरोधी फैसलों को लेने से पहले प्रदेश के भविष्य के बारे सोचा जाना चाहिए व इस प्रकार के किसी भी फैसले का विद्यार्थी परिषद कड़ा विरोध करती है। प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य संदीप ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने जल्द इस फैसले को वापस नहीं लिया तो विद्यार्थी परिषद प्रदेश स्तरीय उग्र आंदोलन करेगी।

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