Two-day Kala Dharohar workshop concluded Famous dancer of Lucknow Gharana Deepak Maharaj taught the nuances of Kathak to the students

दो दिवसीय कला धरोहर कार्यशाला संपन्न लखनऊ घराने के सुप्रसिद्ध नर्तक दीपक महाराज छात्राओं को सिखाई कथक की बारीकियां

संगीत नाटक अकादमी, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा भाषा एवं संस्कृति विभाग हिमाचल प्रदेश सरकार के सहयोग से आयोजित कला धरोहर  कार्यशाला संपन्न हो गई। दो दिन चली इस कार्यशाला का आयोजन राजकीय बालिका वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित की गई थी।
ज्ञातव्य हो संगीत नाटक अकादमी, दिल्ली संत कवि मीरा बाई के भजनों पर केंद्रित कार्यशाला संचालन पंडित बिरजू महाराज के सुपुत्र दीपक महाराज ने संचालित किया था। दीपक महाराज लखनऊ घराने के सुप्रसिद्ध नर्तक हैं। अपनी पारंपरिक कला कथक को नित नई ऊँचाई प्रदान कर रहे हैं। इसी कड़ी में विद्यालय के छात्राओं को उन्होंने कथक के बारीकियों को सिखाया और उसकी प्रस्तुति दी। महाराज जी द्वारा सिखाए तीन ताल, गणेश बंदना और लयकारी कथक प्रस्तुति  को छात्राओं ने बखूबी मंचित किया। दीपक महाराज ने भी अपने लखनऊ घराने और बिरजू महाराज जी द्वारा कोरियोग्राफ कथक के कई टुकड़े को सफलता पूर्वक प्रदर्शित किया। जिनमे प्रमुख रूप से मीरा के भजन, कृष्ण की बाल लीला मयूर नाच आदि का बेहतरीन प्रदर्शन किया।

जिला भाषा अधिकारी प्रोमिला गुलेरिया ने बताया कि कला धरोहर श्रृंखला के अंतर्गत संगीत नाटक अकादमी के पुरस्कार विजेता, प्रख्यात कलाकार, गुरु और विद्वान आमंत्रित किए जाते हैं, जिससे छात्रों को विभिन्न प्रदर्शन कला रूपों के विशेषज्ञों से सीखने का अवसर प्राप्त हो सके। इन संवादात्मक सत्रों का उद्देश्य न केवल छात्रों की भारतीय संस्कृति की समझ को गहरा बनाना है, बल्कि उन्हें हमारे देश की समृद्ध धरोहर को खोजने और सराहने के लिए प्रेरित करना भी है।

उन्होंने बताया कि भारत सरकार संत मीरा बाई की 525 वीं जयंती मना रही है, और इस अवसर पर अकादमी ने पूरे भारत में संत मीरा बाई पर केंद्रित कला धरोहर श्रृंखला का आयोजन किया है। इस श्रृंखला की शुरुआत हरियाणा से हुई थी और अब इसे पूरे भारत वर्ष के सरकारी स्कूलों एवं विश्वविद्यालयों में सफलतापूर्वक आयोजित किया जा रहा है।

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