कार्यशाला में एनआईटी हमीरपुर के प्रोफेसर डॉ हेमंत कुमार विनायक ने भूकंपरोधी गैर-इंजीनियरिंग भवन निर्माण बारे विस्तृत जानकारी दी।

 

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट विषय पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला संपन्न हो गई। कार्यशाला विभिन्न विभागों के इंजीनियरों और विभागीय प्रतिनिधियों को टाटा स्टील, एसीसी, अंबुजा, पेंट बनाने वाली मैग्नीक्रेट कंपनी और प्लंबिंग का सामान बनाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा भवनों की सुरक्षा जांच के साथ-साथ सुरक्षित भवन निर्माण की जानकारी प्रदान की गई। सर्किट हाउस मंडी में आयोजित इस कार्यशाला में लोक निर्माण, जल शक्ति, नगर एवं ग्राम योजना, भारत संचार निगम लिमिटेड, नगर निकाय, ग्रामीण विकास के अभियन्ताओं और शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित किया गया। अतिरिक्त उपायुक्त मंडी ने समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वास व्यक्त किया इस कार्यशाला से जो भी जानकारी प्रदान की गई हैं उसका सभी  अपने क्षेत्र में जरूर इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने आग्रह किया कि यहां दी गई जानकारियां यहां तक ही सीमित न रहें। उन्होंने कहा की समय-समय पर ऐसी कार्यशालाएं नई चुनौतियों का सामना करने में दक्ष बनाती हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह कार्यशाला भूकंप रोधी निर्माण करने में अवश्य सहायक सिद्ध होगी।
उन्होंने कहा कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह है कि जिला में जो भी निर्माण हो, वह भूकंप की दृष्टि से तय किए गए मानदंडों के अनुसार हो तथा पहले से निर्मित भवनों को भूकंपरोधी बनाया जाए। उन्होंने बताया कि भूकंप के खतरे को देखते हुए प्रदेश सरकार के निर्देश पर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण हिमाचल प्रदेश और राजस्व विभाग इस दिशा में कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि मंडी में सुरक्षित निर्माण अभ्यास पर आइआईटी रोपड़ और आइआईटी मंडी के सहयोग से विभिन्न विभाग जो सरकारी निर्माण करते हैं या निजी निर्माण की देखरेख करते हैं, उन विभागों को प्रशिक्षित किया गया है।
कार्यशाला में एनआईटी हमीरपुर के प्रोफेसर डॉ हेमंत कुमार विनायक ने भूकंपरोधी गैर-इंजीनियरिंग भवन निर्माण बारे विस्तृत जानकारी दी।  अतिरिक्त उपायुक्त ने सभी प्रतिभागियों को कार्यशाला में भाग लेने के लिए सम्मानित भी किया।

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