हिमाचल प्रदेश पुलिस के जवानों और कर्मचारियों में हिमाचल पथ परिवहन निगम बसों में मुफ्त यात्रा और आई कार्ड के दुरुपयोग के आरोपों पर भारी रोष है। हिमाचल प्रदेश पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन (रजि.) के प्रदेशाध्यक्ष रमेश चौहान ने कहा कि इस मामले पर पुलिस की छवि और भावनाओं को ठेस पहुंची है, और यह मामला कोर्ट तक भी जा सकता है।
चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लगभग 18,000 पुलिसकर्मी हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम बसों में अपनी ड्यूटी के दौरान 220 रुपये प्रति माह के आई कार्ड के माध्यम से यात्रा करते हैं। इस प्रक्रिया में सरकार को हर साल लगभग 5 करोड़ रुपये का योगदान दिया जाता है। हाल ही में एक प्रेस कांफ्रेंस में एक मंत्री द्वारा पुलिसकर्मियों पर मुफ्त यात्रा और आई कार्ड के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया, जो निंदनीय है।
पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन ने मंत्री के बयान को गंभीरता से लेते हुए उनके खिलाफ नोटिस भेजने का निर्णय लिया है। यदि आवश्यक हुआ, तो मामला हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में भी उठाया जा सकता है। बैठक में यह भी तय किया गया कि यदि पुलिस का आई कार्ड बंद किया जाता है, तो ड्यूटी पर जाने से पहले अग्रिम भत्ता मिलना चाहिए और अतिरिक्त वेतन नए स्केल के अनुसार ही दिया जाना चाहिए।
पुलिसकर्मियों की ड्यूटी 8 घंटे की होनी चाहिए और सप्ताह में एक अवकाश मिलना चाहिए, सरकार ने पुलिस अधिनियम 2007 के सेक्शन 108 में प्रावधान किया है। एसोसिएशन की आगामी बैठक 26 अगस्त 2024 को शिमला में होगी, जिसमें यदि सरकार ने तब तक पुलिस आई कार्ड को बहाल नहीं किया और आवश्यक कार्रवाई नहीं की, तो कड़े फैसले लिए जाएंगे।
