उपमंडल बड़सर में बहने वाली शुक्रखड्ड का सीना लगातार छलनी होता जा रहा है । अवैध व अवैज्ञानिक ढंग से किया जा रहे खनन के कारण खड्ड के किनारे 10 से 12 फीट तक गहरे हो चुके हैं l हैरानी की बात है की झोर घाट से धबीरी तक के लगभग आठ किलोमीटर के एरिया में इस समय पांच क्रशर चल रहे हैं l ज्यादातर क्रेशर जिला हमीरपुर और बिलासपुर की सीमा पर स्थित है l हैरानी की बात है कि बरसात के दिनों में एक तरफ जहां खनन पर पाबंदी लगाई जा चुकी है वहीं दूसरी तरफ धड़ाधड़ खनन माफिया ट्रैक्टर व ट्रक के माध्यम से कच्चा माल लगातार सप्लाई कर रहा है l
शुक्र खड की दूसरी ओर जिला बिलासपुर में पढ़ने वाले एक क्रेशर चालक की मनमानी पर्यावरण पर लगातार भारी पड़ रही है लेकिन हैरानी की बात है कि खनन माफिया के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं क्योंकि खनन विभाग इस संबंध में पूरी तरह से आंखें मुद्दे बैठा है l
बता दें कि एक तरफ बरसात के मौसम में खनन पर प्रतिबंध है लेकिन फिर भी क्रेशर लगातार चल रहे हैं । सवाल यह है कि क्रेशर चलाने के लिए कच्चा माल कहां से आ रहा है । प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार खनन माफिया सुबह सवेरे ट्रैक्टरों को लोड करके उन्हें रात के अंधेरे में ठिकाने तक पहुंचाने का काम कर रहा है । खड्ड में लगे गए बड़े-बड़े डंप पर विभाग की नजर नहीं पड़ रही जिससे सरकार को भी राजस्व का चूना लग रहा है ।. पर्यावरण को बचाने व क्रेशर संचालकों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए मुहिम छेड़ रखी है । लेकिन इस मुहिम से बौखलाए संचालक उन्हें धमकियां तक देने से बाज नहीं आ रहे जबकि जिम्मेदार विभाग कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है l माल लेकर जा रहे टिप्परों के जब ऑनलाइन एम फार्म चेक किए जाते हैं तो किसी भी गाड़ी का एम फार्म उपलब्ध नहीं होता है जिससे बड़े भारी गोलमाल की बू आ रही है l
बता दें कि शुक्र खड्ड के किनारे लैंडस्लाइड का खतरा पिछले 1 वर्ष से बना हुआ है। पिछले साल अगस्त में जमीन धंसना व खाईयां पड़नी शुरू हुई थीं तथा अब ये खाईयां 30 फीट गहरी व चौड़ी हो चुकी हैं।
हैरानी की बात है की प्रशाशन द्वारा अभी तक खड्ड के किनारे बसे गांवों की खिसकती जमीन के कारण खोजे नहीं जा सके हैं l बरसात में प्रतिबंध के वावजूद खड्ड में धड़ल्ले से खनन होता रहा, लेकीन विभाग को शिकायत के वावजूद इन पर रोक नहीं लग पाई l यही कारण है की समाजसेवी व आम लोग प्रशाशन व खनन विभाग के अधिकारियों से खफा हैं तथा उन्होने मोर्चा खोल दिया है l
समाजसेवी परमजीत ढटवालिया का कहना है कि खड्ड में अवैज्ञानिक ढंग से खनन किया जा रहा है तथा कई जगह 10 से 12 फीट गहरी खाई बन चुकी हैं जबकि नियमों के मुताबिक मात्र एक मीटर तक ही खनन लीज की दी गई जगह पर किया जा सकता है। सुबह शाम दर्जनों ट्रैक्टर खनन सामग्री लेकर यहां से निकलते हैं लेकिन इन्हें रोकने वाला कोई नहीं ।
