हमीरपुर के पूर्व निर्दलीय विधायक पूरे चुनाव में अपने द्वारा दिए गए त्यागपत्र पर कोई स्थिति सपष्ट नहीं कर पाए। कभी कहते मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह उनके काम नहीं करते तो कभी कुछ और बहाने लगाते रहे। ये बात कांग्रेस प्रत्याशी डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने पत्रकारों से बात करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जो मुख्यमंत्र निर्दलीय विधायक के आग्रह पर उनके घर जाकर नाश्ता करते है और हमीरपुर के गांधी चौक पर वे उसी मुख्यमंत्री को मसीहा बतातें है। बाद में उनके काालेकारनामों पर जब मुख्यमंत्री अंकुश लगाते है तो उन्हीं के खिलाफ साजिश रचने वालों के साथ हो जाते है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अंधेरे में रखकर अपने पद के प्रभाव से अपने घर की कंपनी के लिए एक वर्ष में ही 140 करोड़ के ठेके लेते है, तब तक मुख्यमंत्री उनकी नजरों में मसीहा थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास जब हमीरपुर की जनता के काम ले जाने की बारी आई तो मुख्यमंत्री काम नहीं करते, इस बहाने से मीरपुर की जनता को गुमराह करना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री मीरपुर की जनता के काम नहीं कर रहे थे तो उस समय ये आवाज क्यों नहीं उठाई जब वे अपने घर की कंपनी के लिए करोड़ों के ठेके लेने के जुगाड़ में लगे रहे। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान कई बार उनसे उन कामों के आंकड़े सार्वजानिक करने को कहा गया, जिन्हें मुख्यमंत्री ने करने से मना कर दिया, लेकिन वे ऐसा कुछ नहीं कर पाए। डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि उल्टा क्षेत्र के युवाओं को अपने स्वार्थ के लिए नशे की गर्त में धकेलने का काम करते रहे। उन्होंने कहा कि इस बात का खुलासा इन चुनावों में सरेआम देखा गया। यही नहंी अब चुनाव के अंतिम दिन जगह- जगह शराब की पेटियां बांटी जा रही है। सोमवार की रात को भी क्षेत्र के विभिन्न स्थानों में इनके द्वारा बांटी जा रही शराब को पकड़ा गया है। उन्होंने कहा कि झूठ व धनबल के सहारे चुनाव लडऩा एवं फिर उसी वोट को राजनीतिक मंडी में बेचना इनके सियासी स्वभाव में है, इसलिए ये मात्र 15 माह में स्थानीय जनता की भावनाओं को कुचलकर फिर चुनाव लडऩे चले आए है, जिसे अब स्थनीय जनता समझ चुकी है और दस जुलाई को जनता कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर इसका जबाव देने को तैयार है।
