हमीरपुर से मंडी वाया टोनी देवी आवहदेवी के निर्माण में जुटी कंपनी की कार्यप्रणाली और जल शक्ति विभाग की अनदेखी और लापरवाही के खिलाफ आखिरकार लोग परेशान होकर सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए। पीने के पानी की आपूर्ति नहीं होने के चलते और निर्माण कंपनी के खिलाफ लोगों ने टोनी देवी के नजदीक दरकोटी में सैकड़ो की तादात इकट्ठे होकर अपना विरोध प्रदर्शन किया. निर्माण कंपनी के विरुद्ध मुरादाबाद के नारे भी लगाए गए और जल शक्ति विभाग के खिलाफ भी उन्होंने जमकर अपना आक्रोश निकला। प्रदेश सरकार को भी इस बारे हस्तक्षेप करने को कहा। सोमवार सुबह करीब 9:00 से लेकर 10:00 बजे तक एक घंटा लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्का जाम किया इस दौरान दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारे लग गई। पुलिसकर्मी भी जाम को खुलवाने के लिए प्रयास करते रहे, परंतु परेशान लोग उनकी भी बात सुनने को तैयार नहीं थे। इसके उपरांत टोनी देवी बमसन के नायब तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने लोगों को काफी देर समझाया और उनकी समस्या का स्थाई और तुरंत समाधान करने का आश्वासन देने के बाद लोगों ने राजमार्ग को खोला। राजमार्ग के बीचों-बीच खाली बर्तन लेकर अपना विरोध प्रदर्शन किया। लोगों का कहना था कि जब से इस राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य चल है उस समय से वे तरह-तरह की परेशानियां झेल रहे हैं परंतु निर्माण कंपनी, विभाग और सरकार का ध्यान उनकी समस्याओं की ओर नहीं जा रहा है मजबूरन उन्हें इस कदम को उठाने पर मजबूर होना पड़ा। धर्म सिंह, हरनामचंद शर्मा, ओम प्रकाश, बंटी, राजकुमार,कुलदीप सिंह,प्रवीण कुमार, उत्तम चंद, सुरेश कुमार, कश्मीर सिंह, एंशों देवी, ज्ञानो देवी, सुमन कुमारी कमला देवी नीलम,मंजू,गुड्डू देवी, बबीता देवी, नीलम, संतोष कुमारी, आदि सैंकड़ो लोगों ने एक स्वर में कहा कि सड़क पर पानी का छिड़काव, निर्माण कार्य में गुणवत्ता को दरकिनार करने और पेय जल पाइपों को बार-बार तोड़ने के कारण उन्हें बहुत परेशानी हो रही है। मौके पर पंचायत के प्रधान दीवान चंद और वार्ड सदस्य सुमन कुमारी भी ग्रामीणों के साथ मौजूद रहे। लोगों ने कहा कि बरसात में भी पानी की आपूर्ति नहीं होने के कारण उन्हें टैंकरों के माध्यम से पानी को खरीद कर पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। पशुओं को भी पानी मुहैया नहीं हो पा रहा है। कई बारे इस समस्या बारे कपनी और विभाग को बता चुके हैं। महीने दो महीने बाद सुबह पाइप को जोड़ा जाता है और शाम को फिर उखाड़ दिया जाता है।कम्पनी द्वारा सड़क पर पानी का छिड़काव नहीं होने के कारण सड़क से उड़ती धूल मिट्टी के कारण वे लोग बीमार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पेयजल पानी को ठीक करने और पानी को रिस्टोर करने बारे जब कर्मचारियों को कहा जाता है तो कंपनी के कर्मचारी जल शक्ति विभाग को इस बारे सूचना देने को कहते हैं और जल शक्ति विभाग कम्पनी को इसके लिए जबावदेह बताता है।
साइट इंजीनियर करता है हमसे दुर्व्यवहार, बदतमीज़ी और डराता धमकाता है।
इस दौरान उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एन.एच.ए.आई के साइट इंजीनियर द्वारा उनसे दुर्व्यवहार और बदतमीजी की जाती है। यहीं नहीं वह उन्होंने डराता धमकाता है। जब वह साइट इंजीनियर मौके पर पहुंचा तो लोगों ने उसे खरी खोटी सुना डाली । मौके की नजाकत और लोगों के गुस्से को देखते हुए वह मौके से भाग निकला। इसके उपरांत नायब तहसीलदार के आश्वासन पर विरोध करने वाले ग्रामीण शांत हुए और ट्रैफिक बहाल हो सका। ग्रामीणों ने चेतावनी दे दी की एक समय के भीतर अगर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता तो वह फिर से इस कदम को उठाने के लिए मजबूर होंगे जिसके लिए निर्माण कंपनी और प्रशासन जिम्मेदार होगा।
