राजेंद्र राणा ने कहा कि हिमाचल की सुक्खू सरकार सिर्फ परिवार और मित्रों की सरकार बनकर रह गई है।

 

पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि पिछली बरसातों में आई आपदा के दौरान प्रदेश की जनता द्वारा प्रभावित लोगों की मदद के लिए जो बढ़-चढ़कर अंशदान किया गया था, उसका सुक्खू सरकार ने राजनीतिक इस्तेमाल किया और यह राशि पीड़ित लोगों को प्रदान न करके केवल दो चार हलकों में ही अपने चहेतों और निजी स्टाफ को ही बांट दी गई, जो अपने आप में एक बहुत बड़ा राजनीतिक सकैंडल है जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।

 

आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि लोगों ने मानवता की सेवा की भावना से यह राशि मुसीबतजदा लोगों की मदद के लिए दी थी लेकिन सुक्खू सरकार ने यहां भी बेईमानी की।

 

राजेंद्र राणा ने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री है जिन्होंने प्रदेश पर कर्ज की राशि को एक लाख करोड़ के करीब पहुंचा दिया है और प्रदेश को कर्ज की दलदल में पूरी तरह डुबो दिया है। राजेंद्र राणा ने कहा कि वह भाजपा नेता व पूर्व मंत्री मेजर विजय सिंह मनकोटिया के इस कथन से पूरी तरह सहमत हैं कि अगर हिमाचल प्रदेश को बर्बादी से बचाना है तो यहां की निकम्मी सरकार को बर्खास्त करके यहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। राजेंद्र राणा ने कहा कि हिमाचल की सुक्खू सरकार सिर्फ परिवार और मित्रों की सरकार बनकर रह गई है। झूठी घोषणाएं और आश्वासन की रेवड़िया बांटकर जनता को भ्रमित किया जा रहा है और आज समाज का हर वर्ग इस सरकार के कुशासन से पूरी तरह तंग आ चुका है। राजेंद्र राणा ने कहा कि इस सरकार में युवाओं के लिए रोजगार के दरवाजे पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं और प्रदेश की जनता की टैक्स की कमाई मित्रों को दी जा रही सुविधाओं पर खर्च की जा रही है। चुने हुए विधायकों को जलील और प्रताड़ित करना ही मुख्यमंत्री सुक्खू का एकमात्र लक्ष्य रह गया है। उन्होंने कहा कि इस सरकार के दिन अब गिने चुने रह गए हैं और लोग अब भ्रष्ट तंत्र से छुटकारा पाना चाहते हैं।

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