सुभाष चंद के साथ थे तो आप के साथ चले सभी के परिबारों ने वोट भाजपा को क्यों डाली… ढटवालिया

 

शराब ब खैर माफ़िया बड़सर काँग्रेस को न दे सलाह की कौन छुटभया ब कौन बड़ा नेता…..परमजीत ढटवालिया परमजीत ढटवालिया ने बताया कि शराब ब खैर माफिया अपने बड़सर के बाकि नेताओं को छूट भया नेता बोल कर अपने आपको बड़ा दरसाना चाहता है।बो भूल रहा है कि इससे पहले बो आजाद के साथ रहा है उसके बाद बलदेव शर्मा के साथ भाजपा में था औऱ बलदेब शर्मा के सहयोग से उस समय के वृरिस्ट काँग्रेस नेता निक्का राम जो प्रधान थे उन्हें हरबाया औऱ बलदेव शर्मा के रहमोकरम से प्रधान बना।फिर पलटी मारी और काँग्रेस में आ गया काँग्रेस में आते ही बहुत बड़ा शराब ब खैर माफ़िया बन गया। औऱ पैसे के बल पर सरगना सीधा प्रदेश काँग्रेस सचिव बन गया।फिर विधायक के साथ मिलकर पँचायत में गोलमाल खैर ब शराब माफ़िया बन गया।औऱ अपनी औकात ही भूल गया।अपने से सीनियर काँग्रेस के लोगों को छुटभया बोलने लग गया।औऱ खुद काँग्रेस की टिकट माँगने लग पड़ा।जबकि काँग्रेस के संविधान में साफ लिखा है कि ब्लैक लिस्टड खैर ब शराब माफ़िया को टिकट तो क्या पदाधिकारी भी नहीं बन सकता है।आज काँग्रेस के पुराने पदाधिकारीयों को छुटभया नेता बोल कर उन्हें दोष देने की बजाय ये जो वायरल आईडिओ निकली है उस पर प्रेसवार्ता के बजाय ये बताय की अगर आपने काँग्रेस के साथ भितरघात नहीं किया तो जो लोग टिकट माँगने के समय आपके साथ थे उनके परिबारों की वोटें सुभाष चंद को क्यों नहीं पड़ीं औऱ बो चुनाबों में कहाँ गायब हो गये थे। जैसे पिछले चुनाबों में आप टीमें लेकर घूम रहे थे तो इसबार बो लोग कहाँ थे।उल्टा रिस्तेदारी में भी उन लोगों ने प्रयास किया वोट भाजपा के हक़ में डालने का।आपको सफाई देने की जरुरत नहीं है बड़सर की जनता आपको जानती है और ये भी जानती है कि न तो आपका पहले टिकट में नाम था न भविष्य में कभी होगा।आपने सुभाष ढटवालिया का विरोध दब के किया पर लोगों ने आपकी सुनी ही नहीं क्योंकि आप इस बार ही आजाद लड़ना चाहते थे।आपने अपने घर में बैठक बुलाई लोग आय नहीं जो आय उनमें से भी समझदार लोग आपको छोड़कर चले गये।कुछ मूर्ख टाइप लोग आपके साथ जुड़े रहे।औऱ आपकी तरफ से लोगों को उलझाते रहे।सुभाष एक ईमानदार व्यक्तित्व के मालिक है अब बड़सर में न खैर न शराब माफ़िया प्रभाबी रहेगा।राजनीति तो दूर आपके माफ़िया टाइप धन्दे भी नहीं चलेंगे।इसलिए बड़सर काँग्रेस के साथ साथ मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भी बदनाम मत करो।आपको पार्टी से या मुख्यमंत्री से प्यार नहीं है आपको अपने धन्दे दिख रहे हैं कि कैसे चलेंगे।पर सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के होते अब आपके धन्दे नहीं चलने बाले।आप जैसे माफ़ियों के मुँह से यससबी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का नाम लेना भी ठीक नहीं है।

 

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