हिमाचल प्रदेश में न्याय हासिल करने के मकसद से एक अनोखा तरीका अपनाया गया है। तरीके की वजह से सोमवार को ऑनलाइन मीडिया में महिला लाइमलाइट आ गई है
शिमला-धर्मशाला के बीचों बीच चारपाई लगा दी, इस पर बकायदा बिस्तर बिछा हुआ था। साथ ही रेहड़ी भी लगा दी गई।
हाईवे के एक लेन से वाहन न गुजरें, इसके लिए पत्थर भी हाईवे पर फेंक दिए गए। हाईवे की भूमि पर दावा करने वाले परिवार ने एक लेन को बंद कर दिया। बताया जा रहा है कि हाईवे पर 8 बिस्वा भूमि परिवार की निकली है, जिसे वापस नहीं किया जा रहा है। इसी वजह से राजन कांत के परिवार ने एक बार फिर शिमला-धर्मशाला हाईवे को मंगरोट के समीप पत्थर, रेहड़ी व बिस्तर लगाकर बंद कर दिया। परिजनों का कहना है कि प्रशासन को भूमि वापस करने को कहा गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मजबूर होकर भूमि पर कब्जा करना पड़ रहा है। महिला ने कहा कि पीडब्ल्यूडी ने हमारी जमीन पर पिछले कई सालों से कब्जा किया हुआ है, जिसकी जानकारी उपायुक्त बिलासपुर को दी गई थी। उन्होंने जमीन की निशानदेही के लिए विभाग को आदेश दिए, इसके बाद जमीन की मलकियत हमारे पास आई। लेकिन लोक निर्माण विभाग जमीन छोड़ने को तैयार नहीं है।
हालांकि हाईवे पर एक लेन यातायात के लिए बाधित हो गई, जबकि दूसरी लेन पर यातायात सुचारू रूप से चलता रहा। राजन कांत ने बताया कि हाईवे पर आठ बिस्वा भूमि को वापस नहीं किया जा रहा है। इससे पहले भी परिवार ने यातायात को बाधित किया है। हालांकि हाईवे बंद करने का तरीका पहले भी अपनाया गया था, लेकिन इस बार महिला ने मोर्चा संभाला है।
