डॉ राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज में नवजात बच्चों को स्पेशल केयर के लिए स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट तो बनाई गई है यहां फोटोथेरेपी से लेकर इनक्यूबेटर मशीनों को रखा गया है लेकिन वहां कॉकरोच की भरमार है। इस यूनिट को बेहद संवेदनशील श्रेणी में रखा जाता है। जिन नवजात शिशु का अंडरवेट होता या जो पीलिया या दूसरी बीमारी की चपेट में होते हैं उनके लिए यह उपकरण स्थापित किए गए हैं लेकिन जिस तरह कॉकरोच इन मशीनों के भीतर और बाहर घूम रहे हैं वह इन बच्चों को और भी बीमारियों का न्योता दे सकते हैं। इस बेहद गंभीर मामले को यहां अनदेखा किया जा रहा हैं। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस यूनिट में किसी तरह का इन्फेक्शन भीतर न जाए इसको लेकर बच्चों को मशीनों के भीतर ही रखा जाता है केवल माता ही भीतर जा सकती है। दुसरे किसी को भी भीतर भेजने से पहले बाकायदा नॉर्म्स को पूरा करना होता है ताकि किसी तरह का इन्फेक्शन भीतर न जाए लेकिन यहां कॉकरोच काफी मात्रा में दीवारों से लेकर मशीनों तक घूम रहे हैं।
मरीज को भर्ती करने के लिए बनाए गए वार्डों में भी यही हालत है। हर बेड के साथ एक एक ट्राली रैक रखा गया है जिसमें मरीज अपने खाने से लेकर दूसरा सामान रख रहे हैं लेकिन वहां भी कॉकरोच भारी संख्या में घूम रहे हैं। हालत यह है कि मरीज के बेड पर भी यह दौड़ते रहते हैं। यही नहीं कुछ वार्डों की दीवारों पर सीलन भी मरीज के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है यहां से दीवारों का पेंट नीचे गिरता रहता है।
