वन अधिकार अधिनियम -2006 के तहत जोगिंदर नगर में विकास खण्ड द्रंग की दस ग्राम पंचायतों के अधीन आने वाली वन अधिकार समितियों (एफआरसी) के प्रधान व सचिवों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला की अध्यक्षता एसडीएम मनीश चौधरी ने की।
इस अवसर पर उन्होंने निर्देश दिए कि निष्क्रिय पड़ी समितियों का 31 मई तक गठन सुनिश्चित करें ताकि समय रहते लोगों के नए व्यक्तिगत व सामाजिक दावों को आमंत्रित किया जा सके। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में उपमंडल स्तर पर ग्राम सभा, राजस्व व वन अधिकारियों को जागरूक करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने व्यक्तिगत व सामाजिक दावों को पेश करने के लिए भरे जाने वाले फॉर्म के बारे में उपस्थित सदस्यों को विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एफआरसी सदस्य, वन अधिकारी तथा राजस्व अधिकारी द्वारा एफआरए दावों का क्षेत्र स्तरीय निरीक्षण किया जाए तथा ग्राम सभा में प्रस्तुत कर अनुमोदित करवाएं। साथ ही उन्होंने बताया कि दावों की समीक्षा के समय वन अधिकार समिति के अलावा वन अधिकारी व राजस्व अधिकारी का होना अनिवार्य है।
एसडीएम ने कहा कि ग्राम सभा द्वारा अनुमोदित दावों को एसडीएलसी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा तथा एसडीएलसी द्वारा अनुमोदित किए दावे को डीएलसी के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा इसका वार्षिक केलेंडर जारी किया गया है जिसके अनुसार ग्राम सभा वर्ष के दौरान कभी भी दावे आमंत्रित कर सकती है तथा इस समय कोई भी समुदाय दावा पेश कर सकता है जिसे समयबद्ध निपटाना सुनिश्चित करें।
इस कार्यशाला के दौरान तहसीलदार जोगिंदर नगर मुकुल शर्मा, वन परिक्षेत्र अधिकारी जोगिंदर नगर अक्षय राणा के साथ विभिन्न पंचायतों के जनप्रतिनिधि, पटवारी तथा ग्राम पंचायतों के सचिव भी शामिल रहे।
