हमीरपुर विधानसभा क्षेत्र में निर्माणाधीन नेशनल हाईवे पर काम कर रही निजी कंपनी के कर्मचारियों द्वारा बनाए गए अस्थाई शौचालयों से निकलने वाली गंदगी सीधे जलशक्ति विभाग की पेयजल योजनाओं में मिल रही है, जिससे सैकड़ों ग्रामीणों को मिलने वाला पानी प्रदूषित हो गया है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि कंपनी द्वारा गटर का गंदा पानी सीधे पेयजल सप्लाई लाइनों में डाला जा रहा है, जिससे हमीरपुर जिले की कई ग्राम पंचायतों को दूषित पानी की सप्लाई हो रही है।
*प्रशासन और कंपनी की लापरवाही जारी*
स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने नेशनल हाईवे प्राधिकरण और कंपनी अधिकारियों को कई बार इस समस्या के बारे में सूचित किया, लेकिन हर बार बात को टाल दिया गया। अब गर्मी का मौसम शुरू होने वाला है, जिससे हैजा, पीलिया और अन्य जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। गौरतलब है कि कुछ वर्ष पहले भी इसी इलाके में दूषित पानी के कारण पीलिया का प्रकोप फैल चुका है।
*जलशक्ति विभाग का बचाव, लेकिन समस्या बरकरार*
जलशक्ति विभाग के अधिकारियों ने स्वीकार किया कि प्रभावित जल योजनाएं कुन्हा खड पर स्थित हैं, जहां से गंदगी मिल रही है, लेकिन उन्होंने कंपनी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। वहीं, स्थानीय लोगों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जो भी लोग इस मामले में आवाज उठते हैं कंपनी उन लोगों के पैसे देकर उनका मुंह बंद करवा रही है। उन्होंने इसकी शिकायत 1100 हेल्पलाइन नंबर पर भी की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
*मजदूरों की अस्वच्छ आदतें बढ़ा रहीं मुसीबत*
इसके अलावा, निर्माण स्थल पर काम कर रहे मजदूर खुले में शौच जा रहे हैं, जिससे भूजल और आसपास के जल स्रोतों के प्रदूषित होने का खतरा और बढ़ गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि तुरंत कार्रवाई नहीं की गई, तो आने वाले दिनों में जलजनित बीमारियों का प्रकोप भयावह रूप ले सकता है।
*जनता की मांग:तत्काल कार्रवाई हो*
स्थानीय निवासी प्रशासन और जलशक्ति विभाग से मांग कर रहे हैं कि नेशनल हाईवे कंपनी पर तुरंत कार्रवाई की जाए और पेयजल सप्लाई को सुरक्षित बनाया जाए। उनका कहना है कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
