पदमश्री पुरस्कार से सम्मानित हरीमन शर्मा ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल के निवास स्थान समीरपुर में पहुंच कर उनसे शिष्टाचार भेंट की। हरिमन शर्मा, निवासी गांव पनियाला डाकघर कोठी तहसील घुमारवीं जिन्होंने बिलासपुर जिला में पहली बार सेब उगाया था, यह बात 2016 की है जब तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने एक इंटरव्यू में उनकी उस उपलब्धि की सराहना भी की थी। जब हरिमन शर्मा ने यह सब की किस्म तैयार की तो कोई भी वैज्ञानिक विश्वास नहीं कर पाया था। वर्ष 2008 में शिमला सचिवालय में जाकर उन्होंने प्रेम कुमार धूमल जी को सेब व आम भेंट किए थे, वही माननीय मुख्यमंत्री के विभाग के सभी उच्च अधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें सेब खिलाए भी गए थे। तब पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा था कि इस सेब की किस्म का नाम हरीमन रखा जाए और आज 17 वर्ष के बाद उनके कहे हुए शब्द साकार हो चुके हैं। अब यह सेब की किस्म HRMN99 के नाम से पेटेंट भी कर दी गई है, जबकि हरिमन शर्मा जी को पद्मश्री पुरस्कार के लिए भी चुना गया है। आज भी वह अपने बगीचे के उगे सेब लेकर धूमल जी पास पहुंचे। हरिमन शर्मा ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को देते हुए कहा कि उन्होंने मेरी इस खोज में संपूर्ण सहयोग दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने इस अवसर पर कहा कि हरिमन शर्मा ने हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है। उन्होंने जिस प्रकार गर्म क्षेत्र में सेब की किस्म की खोज की, वह काफी सराहनीय है। धूमल ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2008 में कहा था कि हरिमन शर्मा की खोज के लिए इस किस्म को उनके नाम से जाना जाए। वह सपना आज साकार हो चुका है। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश कृषि प्रधान राज्य रहा है एवं हरिमन शर्मा जैसे मेहनती किसान बागवान ही प्रदेश की उन्नति को सही मायनों में साकार करते हैं। धूमल ने कहा कि प्रदेश के सभी किसानों एवं बागवानों को हरिमन शर्मा से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हरिमन शर्मा ने आज उनके आवास पर पहुंच कर उनसे भेंट की एवं अपने बगीचे से उगे हुए सेब व अन्य फल भी भेंट किए।इसके लिए वह उनके तहे दिल से आभारी हैं एवं आशा करते हैं कि वह भविष्य में भी अपनी खोज को इसी काबिलियत से जारी रखेंगे।
गौर है कि हरिमन शर्मा अन्य कई अवार्ड भी समय-समय पर प्राप्त करते रहे हैं। उन्हें वर्ष 2006 में जिला स्तरीय सर्वश्रेष्ठ बागवान पुरस्कार घुमारवीं में प्रदान किया गया था। वहीं वर्ष 2007 में सेब उत्पादन हेतु जिला स्तरीय सम्मान जिला उपायुक्त बिलासपुर के द्वारा प्रदान किया गया। वर्ष 2008 में 15 अगस्त के मौके पर राज्य स्तरीय उत्कृष्ट कृषक पुरस्कार प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री द्वारा पांवटा साहिब में प्रदान किया। वहीं, 15 अगस्त 2009 को राज्य स्तरीय प्रेरणा स्रोत सम्मान मुख्यमंत्री के द्वारा फतेहपुर जिला कांगड़ा में प्रदान किया गया। फरवरी, 2010 में सर्वश्रेष्ठ हिमाचली किसान का खिताब, कृषि क्षेत्र में सराहनीय योगदान के लिए प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2010 में सम्मानित किया गया। वर्ष 2012 में नाबार्ड द्वारा आयोजित किसान गोष्ठी के अवसर पर भी उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया जा चुका है। महर्षि मार्कंडेय जिला स्तरीय सायर मेला में भी उन्हें उल्लेखनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया जा चुका है। फरवरी, 2016 में प्रदेश के महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने सेब उत्पादन के लिए सम्मान राजघाटी का पुरस्कार दिया है। मार्च, 2016 में राष्ट्रीय श्री कृषक सम्मान श्री राधा मोहन सिंह जी कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रदान किया गया। वहीं डॉक्टर यशवंत सिंह परमार विश्वविद्यालय नौणी में उन्हें इस सेब की किस्म को खोजने हेतु सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय नव परिवर्तन प्रतिष्ठान द्वारा उन्हें सम्मानित राष्ट्रपति के द्वारा किया जा चुका है। राष्ट्रीय पुरस्कार खेतों के वैज्ञानिक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर उन्हें सम्मानित किया गया है। राष्ट्रीय पुरस्कार भारतीय कृषि अनुसंधान द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया है।
