पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री का खनन माफिया सरगना ज्ञानचंद ज्ञानू के साथ गहरा रिश्ता है। आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि इस रिश्ते का खुलासा एक वीडियो से होता है, जिसमें मुख्यमंत्री सुक्खू को ज्ञानचंद को अपनी कार में सम्मान के साथ लेकर आते हुए दिखाया गया है। इस वीडियो में मुख्यमंत्री अपनी कार का दरवाजा खोलकर ज्ञानचंद को सम्मान के साथ कैबिनेट में लेकर जाते हैं, जो इस बात का स्पष्ट संकेत है कि उनके बीच गहरे संबंध हैं।
राजेंद्र राणा ने आरोप लगाया कि अब जब यह माफिया सरगना जेल में है, मुख्यमंत्री सुक्खू अपने रिश्तों को छिपाने के लिए भाजपा नेताओं के नाम उछाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कभी भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर और कभी पूर्व मंत्री रमेश धवाला के साथ इस माफिया सरगना के रिश्ते जोड़ रहे हैं। राणा ने कहा कि यह पूरी तरह से झूठ और भ्रम फैलाने की साजिश है, क्योंकि मुख्यमंत्री यह दावा कर रहे हैं कि भाजपा सरकार के दौरान ज्ञानचंद को खनन की अनुमति दी गई थी।
हालांकि, राणा ने स्पष्ट किया कि भाजपा सरकार के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और उद्योग मंत्री विक्रम ठाकुर ने किसी भी माफिया को अवैध खनन की अनुमति नहीं दी थी, न ही उनकी सरकार ने अवैध खनन को प्रोत्साहित किया था। यह आरोप पूरी तरह से निराधार और मुख्यमंत्री के अपने गहरे रिश्तों को छिपाने की कोशिश है।
राणा ने मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए कहा कि यदि उनके पास भाजपा नेताओं के साथ ज्ञानचंद के रिश्तों का कोई ठोस प्रमाण है, जैसे कि ऑडियो या वीडियो, तो उसे सार्वजनिक करें। राणा ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री को बिना किसी ठोस साक्ष्य के दूसरों पर दोषारोपण करने का अधिकार नहीं है।
पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री को यह चुनौती दी कि वह इस मामले में सार्वजनिक रूप से अपने आरोपों को सिद्ध करें और यदि उनके पास कुछ ठोस प्रमाण हैं, तो उन्हें जनता के सामने लाएं। राणा का कहना था कि यह मामला सिर्फ मुख्यमंत्री के व्यक्तिगत संबंधों का नहीं, बल्कि हिमाचल प्रदेश में खनन माफिया के प्रभाव और राज्य में चल रहे अवैध खनन के मुद्दे का भी है, जिसे मुख्यमंत्री सुक्खू को गंभीरता से लेना चाहिए।