Big scam in cooperative banks: Rajendra Rana raised the demand for investigation by central agencies

Big scam in cooperative banks: Rajendra Rana raised the demand for investigation by central agencies

पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने हिमाचल प्रदेश सरकार पर सहकारी बैंकों में भारी घोटाले का आरोप लगाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री ने जानबूझकर तीन प्रमुख सहकारी बैंकों—कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक, हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक और जोगिंदर सहकारी बैंक—को सहकारिता विभाग से हटाकर वित्त विभाग में शामिल किया।
आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि जब मुख्यमंत्री को यह जानकारी मिली कि हाई कमान के निर्देशों के अनुसार राज्य में सहकारिता विभाग डिप्टी चीफ मिनिस्टर मुकेश अग्निहोत्री को सौंपा जाएगा, तो उन्होंने आनन-फानन में इन बैंकों को सहकारी विभाग से अलग कर अपने पास वित्त विभाग में जोड़ दिया। इसका उद्देश्य वन टाइम सेटलमेंट के तहत अपने करीबी मित्रों के करोड़ों के लोन माफ करना था।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार के सहकारिता एक्ट के तहत इन बैंकों का संबद्ध सहकारिता विभाग से होता है क्योंकि एक्ट के अनुसार जिस भी संस्थान के साथ कोऑपरेटिव शब्द लिखा गया हो, वह संस्थान सहकारी विभाग के साथ सम्बद्ध होता है और हिमाचल प्रदेश में भी पहले ऐसा ही था, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इन्हें फाइनेंस डिपार्टमेंट से जोड़कर अपने करीबियों को फायदा पहुंचाने का रास्ता साफ कर दिया।
 राणा ने आरोप लगाया कि गरीब जनता की लोन की किस्त लेट होने पर उनकी संपत्ति कुर्क कर ली जाती है, जबकि यहां करोड़ों के कर्ज माफ कर दिए गए।
उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर इस घोटाले से जुड़े लेन-देन की कथित ऑडियो रिकॉर्डिंग्स वायरल हुई थीं, लेकिन राज्य की जांच एजेंसियों ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। राणा ने केंद्र सरकार से इस मामले की केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच करवाने की मांग की है।

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