मंगलवार को पानी विंग में कार्यरत कर्मचारियों ने अपनी सैलरी न मिलने के विरोध में गाड़ियों को रोककर कामकाज बंद कर दिया है। उनका आरोप है कि पिछले 6 महीने से लेकर एक साल तक की सैलरी का भुगतान नहीं किया गया है, जिससे उनके जीवन-यापन में भारी दिक्कतें आ रही हैं।
कर्मचारी अमित कुमार, कृष्ण कुमार, मनोज कुमार और विनीत कुमार ने बताया कि वे दिसंबर से पाइपलाइन के कार्यों में जुटे हुए हैं, लेकिन इस लंबे समय में केवल एक महीने की सैलरी ही दी गई है। उन्होंने कहा कि जब भी वे अधिकारियों से अपनी सैलरी के बारे में बात करते हैं, तो अधिकारी टालमटोल करते रहते हैं।
वहीं, कर्मचारी अमित कुमार ने बताया कि वे तीन साल से आईपीएच के सूर्या कंस्ट्रक्शन कंपनी के तहत पाइपलाइन का काम कर रहे हैं,नवंबर 2023 में ही पिछला भुगतान किया गया था, लेकिन इसके बाद फिर से सैलरी का मामला लटक गया। जब उन्होंने विरोध किया, तो सुपरवाइजर श्रीकांत ने उन्हें धमकी दी कि उनके डेबिट नोट्स निकाले जाएंगे और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कर्मचारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी सैलरी का भुगतान नहीं किया जाएगा, वे काम पर नहीं लौटेंगे। उनका कहना है कि उनके परिवारों की जिम्मेदारी है और बिना वेतन के उनका जीवन-यापन संभव नहीं है। वहीं, अधिकारी उनकी समस्याओं का समाधान करने के बजाय एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं।
वहीं, एनएच निर्माण कंपनी के पानी विंग के इंजीनियर अनय सिंह से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि इस मामले में सुपरवाइजर श्रीकांत से बात करें। पेमेंट डालने का काम अकाउंटेंट का है, लेकिन वह छुट्टी पर है। जब अकाउंटेंट वापस आएगा, तभी पेमेंट हो सकेगी।
वहीं, एनएच निर्माण कंपनी के सुपरवाइजर श्रीकांत से जजब बात की गयी तो उन्होंने कहा ये कर्मचारी हमारे विंग के नहीं हैं। पानी विंग के इंजीनियर अनय से बात कीजिए गाड़ियां खड़ी करना गलत है, इससे नुकसान हो रहा है इन्हें हरजाना देना पड़ेगा।
इस पूरे मामले में अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। एक ओर वे कर्मचारियों को धमकी दे रहे हैं, तो दूसरी ओर उनकी सैलरी जारी करने में देरी कर रहे हैं। आखिर जब अन्य कर्मचारियों को सैलरी दी गई, तो उनका भुगतान क्यों नहीं हुआ? अगर अकाउंटेंट छुट्टी पर है, तो अन्य कर्मचारियों को सैलरी किसने जारी की? कर्मचारियों की मानें तो उन्हें जानबूझकर परेशान किया जा रहा है और उनकी शिकायतों को अनसुना किया जा रहा है।