अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् राष्ट्र पुनर्निर्माण के व्यापक संदर्भ में काम करने वाला भारत ही नहीं अपितु विश्व का सबसें बड़ा छात्र संगठन है। विद्यार्थी परिषद निरंतर ही छात्रो की माँगो को प्रशासन के सामने मनवाने का कार्य करता है। आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई मंत्री आशीष ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कि आज विश्वविद्यालय इकाई द्वारा किए गए धरना प्रदर्शन में प्रमुखता से PG कॉर्सों के परिणामों को तुरंत घोषित करने की माँग विद्यार्थी परिषद कर रही है प्रदेश भर से छात्र परिणाम न आने की वजह से चिंतित होकर विद्यार्थी परिषद परिणाम की जानकारी लेने के लिए बार बार अनेकों फ़ोन कर रहे जिस कारण विद्यार्थी परिषद यह माँग उठा रही है कि जल्द से जल्द सभी PG कॉर्सो का परिणाम घोषित किया जाए ।
विश्वविद्यालय पहाड़ी क्षेत्र में होने के कारण सर्दियों के मोसम में बर्फ से ढका मिलता है एसी स्थिति में छात्र पुस्तकालय में पढ़ाई करने के लिए नहीं बैठ पाता क्योंकि ठंड होने के कारण से पुस्तकालय में बैठना असंभव होता है इसलिए परिषद लंबे समय से पुस्तकालय में सेंट्रल हीटिंग सिस्टम लगाने की माँग कर रही है । विद्यार्थी परिषद को ज्ञात है कि सेंट्रल हीटिंग सिस्टम लगने के लिए लंबा समय चाहिए तब तक इसके विपरित विद्यार्थी परिषद ने पिछले साल आंदोलन करते हुए प्रशासन को नये हीटरों के लिए बजट पारित करने के लिए विवश कर दिया था विश्वविद्यालय प्रशासन ने 15 लाख का बजट पारित किया था जिसको देखते हुए विद्यार्थी परिषद एक बार फिर प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा की जल्द से जल्द नए हीटरों को पुस्तकालय में लगाया जाए।
विद्यार्थी परिषद निरंतर विश्व विद्यालय छत्रों के लिए नई बसों की माँग कर रहा है हम देखते है कि विश्व विद्यालय में कम से कम 6 से 7 हज़ार छात्र पढ़ता है उनके आने जाने के लिए केवल पाँच बसों की सुविधा है छात्रों को इन बसों में काफ़ी भीड़ का सामना करना पड़ता है जिसके लिये विद्यार्थी परिषद यह माँग उठा रही है जल्द से जल्द छात्रों को नयी बसों की सुविधा दी जाये ।
इस धरना प्रदर्शन के माध्यम से विद्यार्थी परिषद ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा की अगर 3 दिन के अंदर अगर छात्रावासों में कैमरा न लगे तो 3 दिन समाप्त होते ही विद्यार्थी परिषद कम से कम एक हज़ार छात्रों की आक्रोश रैलीं को लेकर यूनिवर्सिटि की सड़को को लामवन्त करते हूए कुलपति के कार्यालय में घूसकर अपनी मांग को मनवाके रहेंगे जिसका ख़ामियाज़ा विश्वविद्यालय प्रशासन को स्वयं भुगतना पड़ेगा।