Deputy Commissioner reviewed the work of various committees of the Welfare Department

उपायुक्त ने की कल्याण विभाग की विभिन्न समितियों के कार्यों की समीक्षा

उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कल्याण विभाग के तहत आने वाली विभिन्न समितियों के कार्यों की समीक्षा की गई। उपायुक्त ने  राष्ट्रीय न्यास अधिनियम 1999 के अंतर्गत गठित जिला मंडी की स्थानीय स्तर की समिति, अल्पसंख्यकों के कल्याणार्थ प्रधानमंत्री के नए 15 सूत्रीय कार्यक्रम की समिति,  मैनुअल स्कैवेंजर्स (हाथ से मैला ढोना ) एक्ट 2013 के अंतर्गत जिला स्तरीय सतर्कता समिति, अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के अंतर्गत जिला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति  और दिव्यांगता अधिकार अधिनियम 2015 के अंतर्गत जिला स्तरीय दिव्यांगता समिति के कार्यों की समीक्षा की।  उपायुक्त ने इस दौरान विभागीय अधिकारियों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने पर बल देते हुए आने वाले समय में अधिक से अधिक जागरूकता शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए ताकि योजनाओं का लाभ आम नागरिक तक पहुंचाया जा सके।
बैठक में उन्होंने सभी नगर निकाय अधिकारियों को सफाई कर्मचारियों की नियमित समय पर स्वास्थ्य जांच करवाने और सफाई कर्मियों को साफ-सफाई के लिए ग्लब्ज, मास्क इत्यादि उपलब्ध करवाने और इन्हें पहनकर ही कर्मियों को सफाई कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उपायुक्त ने अल्पसंख्यक समुदाय के मेधावी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृति योजना के लिए आवेदनों की कम संख्या को देखते हुए उपनिदेशक शिक्षा को इसकी रिपोर्ट देने और योजना की जानकारी पात्रों तक पहुंचाने का निर्देश दिया।
उन्होंने बताया कि मंडी जिला में 13,993 पुराने दिव्यांगता प्रमाण पत्रों में से 12,195 के यूडीआईडी कार्ड जनरेट किए जा चुके हैं। जबकि 10573 नए आवेदनों में से 5226 के यूडीआईडी कार्ड जनरेट हुए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को दिव्यांगों के यूडीआईडी कार्ड जनरेट करने के कार्य को समयबद्ध पूरा करने निर्देश दिए ताकि दिव्यांग सरकारी योजनाओं से लाभान्वित हो सकें।  उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को दिव्यांगों की दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए पुनः दिव्यांगता  अवलोकन कैंप आयोजित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि ग्राम सभाओं के माध्यम से दिव्यांगजनों को दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 सीमित संरक्षकता की जानकारी दी जाएगी। ऐसे दिव्यांगजन जो दिव्यांगता के कारण अपने स्तर पर कानूनी रूप से बाध्यकारी निर्णय लेने में असमर्थ है, को सीमित संरक्षक नियुक्त करने का अधिकार है।
उपायुक्त ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत दर्ज मामलों की गहनता से छानबीन की जा रही है।  उन्होंने कहा कि इन मामलों में पीड़ितों के लिए राहत राशि का भी प्रावधान है। उपायुक्त ने कहा कि जिला में इस अधिनियम के तहत दर्ज मामलों के पीड़ितों को राहत राशि निर्धारित समय अवधि में प्रदान की जा रही है।
बैठक का संचालन जिला कल्याण अधिकारी समीर ने किया।
इस दौरान जिला न्यायवादी विनोद भारद्वाज, जिला विकास अधिकारी डीआरडीए गोपी चंद पाठक, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश कुमार, चिकित्सा अधीक्षक डॉ धर्म सिंह वर्मा, जिला प्रबंधक एससी/एसटी विकास निगम नीलम कुमारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी  तथा समितियों के सदस्य उपस्थित रहे।

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