Three-day workshop on structural safety audit begins in Mandi, Deputy Commissioner inaugurates it For earthquake resistant construction, get the building constructed under the supervision of structural engineer- Apurva Devgan

मंडी में संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट पर तीन दिवसीय कार्यशाला शुरू, उपायुक्त ने किया शुभारम्भ भूकंपरोधी निर्माण के लिए स्ट्रक्चरल इंजीनियर की देखरेख में करवाएं भवन निर्माण-अपूर्व देवगन

मंडी में संरचनात्मक सुरक्षा ऑडिट पर तीन दिवसीय कार्यशाला आज से शुरू हो गई। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा इस कार्यशाला में भवनों की सुरक्षा जांच  की जानकारी दी जाएगी। सर्कट हाउस मंडी में आयोजित इस कार्यशाला में विभिन्न विभागों के लगभग 80 इंजीनियर भाग ले रहे हैं।  कार्यशाला का शुभारम्भ उपायुक्त मंडी एवं अध्यक्ष जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अपूर्व देवगन ने किया। उन्होंने बताया कि मंडी जिला भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील है। यहां का 97.4 प्रतिशत क्षेत्रफल भूकंप की श्रेणी पांच में आता है और बाकि 2.6 प्रतिशत क्षेत्रफल जोन चार में आता है। अगर मंडी जिला में कभी अधिक तीव्रता का भूकंप आ गया तो इससे भारी तबाही होगी।
उन्होंने कहा कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य यह है कि जिला में जो भी निर्माण हो, वह भूकंप की दृष्टि से तय किए गए मापदण्डों के अनुसार हो तथा पहले से निर्मित भवनों को भूकंपरोधी बनाया जाए। इस अवसर पर उन्होंने जिला के नागरिकों से अनुरोध करते हुए कहा कि वह जब भी व्यावसायिक या निजी भवन का निर्माण करें तो नक्शे की स्ट्रक्चरल इंजीनियर से जांच जरूर करवा लें और उनकी देखरेख में ही निर्माण करें। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह कार्यशाला भूकंप रोधी निर्माण करने में अवश्य सहायक सिद्ध होगी
उन्होंने बताया कि भूकंप के खतरे को देखते हुए प्रदेश सरकार के निर्देश पर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण हिमाचल प्रदेश और राजस्व विभाग इस दिशा में कार्य कर रहा है। उन्होंने बताया कि मंडी में सुरक्षित निर्माण अभ्यास पर आइआईटी रोपड़ और आइआईटी मंडी के सहयोग से विभिन्न विभाग जो सरकारी निर्माण करते हैं या निजी निर्माण की देखरेख करते हैं, उन विभागों को प्रशिक्षित किया गया है। आईआईटी मंडी में पुराने भवनों को रेट्रोफिटिंग द्वारा भूंकपरोधी बनाने को लेकर भी इंजिनियरों को प्रशिक्षित करने के लिए कार्यशाला आयोजित की जा चुकी है। पहले चरण में आइआइटी रोपड़ ने मंडी जिला में रेट्रोफिटिंग के लिए 26 भवन चिन्हित किए हैं, जिनमें उपायुक्त कार्यालय, अस्पताल, स्कूल, पुलिस स्टेशन शामिल हैं।
कार्यशाला के पहले दिन एनआईटी हमीरपुर के प्रोफेसर डॉ हेमंत कुमार विनायक ने भूकंप रोधी गैर इंजीनियरिंग भवन निर्माण बारे विस्तृत जानकारी दी।
तीन दिवसीय कार्यशाला में लोक निर्माण, जल शक्ति, नगर एवं ग्राम योजना, भारत संचार निगम लिमिटेड,, नगर निकायों के इंजीनियर, ग्रामीण विकास विभाग के तकनीकी सहायक और शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।
शुभारम्भ अवसर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डीडीएमए एवं एडीएम डॉ मदन कुमार, प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण समन्वयक प्रीति नेगी उपस्थित रहे।

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