बमसन विकास खंड के तहत लंबलू पंचायत का एक और कारनामा सामने आया है। पशुपालन विभाग के नाम जमीन पर बनी गौशाला से 10 मीटर की दूरी पर पंचायत ने प्लास्टिक संग्रहण केन्द्र बना डाला है। इस प्लास्टिक कलेक्शन सेंटर पर पंचायत ने करीब 4 लाख 55 हजार रुपए खर्च डाले हैं। मजेदार बात यह है कि इस प्लास्टिक कलेक्शन सेंटर को निर्धारित प्रारूप में तैयार नहीं किया गया है। फ्लड जोन में बनी गौशाला के साथ ही प्लास्टिक कलेक्शन सेंटर बनाना कई सवाल खड़े कर रहा है। पंचायत उप प्रधान सुरेंद्र कुमार ने इस पर कड़ी आपत्ति जाहिर कर मामले की जांच की मांग की है।
प्लास्टिक के ढेर के पास खुले में चरती हैं गऊएं
लंबलू स्थित इस गौशाला मे इस वक्त करीब 25 गोवंश है। इन्हें सुबह शाम खुले में चरने के लिए छोड़ा जाता है। ऐसे में गौशाला के पास लगे प्लास्टिक के ढेर गायों के लिए जान का दुश्मन बना हुआ है। करीब 40 लाख रुपए से विकास में जन सहयोग योजना के तहत वर्ष 2022-23 में बनी गौशाला की जमीन पशु पालन विभाग के नाम है। ऐसे में पंचायत उसी जमीन पर करीब साढ़े चार लाख रुपए खर्च कर प्लास्टिक कलेक्शन सेंटर किन नियमों के तहत बना सकती है, यह एक बड़ा सवाल है।
विकास कार्यों की हो निष्पक्ष जांच : सुरेंद्र कुमार
इस बारे में ग्राम पंचायत लंबलू के उप प्रधान सुरेंद्र कुमार ने कहा है कि पंचायत में हुए विकास कार्य कई सवाल खड़े कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग के नाम जमीन पर ही लंबलू पंचायत ने करीब अस्सी लाख रुपए विभिन्न कार्यों पर खर्च डाले हैं जबकि इन्हें पंचायत के दूसरे वार्डों में भी विकास के लिए खर्च किया जा सकता था। वैसे भी गौशाला को फ्लड जोन में बनाया गया है। उन्होंने कहा कि उपायुक्त , डीआरडीए , जिला पंचायत अधिकारी और बीडीओ टौणी देवी द्वारा की जा रही जांच के बाद संबंधित सचिव और प्रधान के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए।