पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि मुख्यमंत्री सुक्खू की कार्यशैली और गलत नीतियों की वजह से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य की छवि प्रभावित हुई है। प्रदेश की आर्थिक स्थिति को संभालने में वह पूरी तरह विफल रहे हैं और पूरे प्रदेश का खजाना मित्रों पर लूटाने की वजह से प्रदेश आर्थिक दिवालियापन के कगार पर खड़ा हो गया है।
यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि जिस दिन से सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल के सीएम का पद संभाला है , उस दिन से प्रदेश को उन्होंने बैक गियर में डाल कर रखा है। झूठी गारंटियां देकर उन्होंने प्रदेश की जनता को गुमराह किया है और यह झूठी गारंटियां ही अब पड़ोसी राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के गले की फांस बन गई है क्योंकि जनता कांग्रेस पार्टी को झूठी गारंटियां देकर मुकर जाने वाली पार्टी के रूप में देख रही है और कांग्रेस पार्टी से लोगों का भरोसा उठता जा रहा है।
राजेंद्र राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रदेश को संभालने में बुरी तरह नाकाम रहे हैं इसलिए नैतिकता के नाते उन्हें खुद ही अपना पद छोड़ देना चाहिए ताकि प्रदेश को और अधिक बर्बादी से बचाया जा सके। राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति को लेकर जिस तरह मुख्यमंत्री आए दिन अपने बयान बदलते रहते हैं , उससे खुद उनकी फजीहत तो राष्ट्रीय मीडिया में हो ही रही है, साथ ही जनता का भरोसा भी सुक्खू सरकार से पूरी तरह उठ गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के जिद्दीपन और अडियलपन का खामियाजा आज पूरे प्रदेश की जनता तो भुगत ही रही है, सतारूढ दल के विधायकों में भी बेचैनी देखी जा रही है। क्योंकि चुने हुए विधायकों को अपमानित करना मुख्यमंत्री की कार्यशैली का हिस्सा बन गया है।
राजेंद्र राणा ने कहा कि एक दो विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर पूरे प्रदेश में विकास कार्य ठप पड़े हैं। प्रदेश में अराजकता की स्थिति बनी हुई है। कर्मचारी और पेंशनरों को सही समय पर सुक्खू सरकार वेतन व पेंशन नहीं दे पा रही है।
