हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन

 

 हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड में पिछले 7-8 महीने पहले कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए की गई डीपीसी के बावजूद पदोन्नति आदेश जारी न हो पाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। यह बात हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर दत्त शर्मा ने जारी एक प्रैस व्यान में कही। उन्होंने कहा कि पिछले 7-8 महीनों से फोरमैन लाइन, फोरमैन पावर हाउस, जेई सबस्टेशन, विभिन्न श्रेणियों के पदोन्नति आदेश जारी नहीं हो पाए हैं। यूनियन द्वारा बार-बार विद्युत बोर्ड के प्रबंधक वर्ग के साथ संपर्क करने के बाद यही जवाब मिलता है कि यह सभी फाइलें मुख्यमंत्री कार्यालय में मंगवाई गई हैं और वहीं पर लंबित पड़ी हैं, मुख्यमंत्री के कार्यालय के आदेश के बिना कर्मचारियों की पदोन्नति होना संभव नहीं है। कामेश्वर दत्त शर्मा ने कहा कि विद्युत बोर्ड लिमिटेड में विभिन्न श्रेणियों के प्रथम श्रेणी अधिकारियों के पदोन्नति आदेश धड़ाधड़ जारी हो रहे हैं लेकिन जो कर्मचारी फील्ड में कर्मचारियों की भारी भरकम कमी होने के बाद दिन रात विद्युत आपूर्ति को सुचारू बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और अधिक काम के बोझ के चलते तनाव ग्रस्त होने की वजह से विभिन्न दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं, उन श्रेणियों के कर्मचारियों की पदोन्नति आदेश जारी न करके इनके साथ घोर अन्याय किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से तृतीय व चतुर्थ कर्मचारियों के साथ हो रहे भेदभावपूर्ण रवैये से निजात दिलवाने की मांग की। उन्होंने कहा की प्रबंधक वर्ग द्वारा किए जा रहे व्यवहार से प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री की छवि पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज फील्ड में दो-दो कर्मचारियों के हवाले 35-40 ट्रांसफार्मर है और कई कई किलोमीटर एलटी और एचटी लाइन्स हैं, सारा दिन काम से फुर्सत नहीं मिलती है और विद्युत उपकेंद्रों में भारी भरकम स्टाफ की कमी के चलते कर्मचारियों को 16-16 घंटे भी ड्यूटी करने पड़ रही है और ओवरटाइम की अदायगी तक नहीं हो पा रही है। विद्युत बोर्ड लिमिटेड में पिछले 1 साल से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की बात की जा रही है लेकिन यह फाइलें पता नहीं कहां धूल फांक रही है और कर्मचारी काम के बोझ के तले दबते जा रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री महोदय से अपील करते हुए यूनियन अध्यक्ष ने कहा की विद्युत बोर्ड को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए अतिशीघ्र भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया जाए और मुख्यमंत्री कार्यालय में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के लंबित पड़े पदोन्नति आदेशों की फाइलों को अतिशीघ्र स्वीकृति प्रदान करके आदेश जारी किए जाएं अन्यथा 30-35 साल तक विभाग में सेवाएं देने के बाद कर्मचारी बिना प्रमोशन के रिटायर हो रहे हैं और अगर चुनाव आचार संहिता लग गई तो बहुत से कर्मचारी इस दौरान बिना प्रमोशन के रिटायर हो जाएंगे। उन्होंने उम्मीद जताई है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अतिशीघ्र बोर्ड चेयरमैन संजय गुप्ता जी को निर्देश जारी करके पदोन्नति आदेश जारी करवाएंगे।

 

 

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